गर्मी से उबल रहे भारत के लिए आई खुशखबरी, 8 जून को महाराष्ट्र पहुंचेगा मानसून, शुरू होगा बारिश का दौर
नई दिल्ली। भीषण गर्मी और कोरोना संकट से जूझ रहे देश के लिए एक राहत भरी खबर आई है, भारतीय मौसम विभाग ने मानसून को लेकर एक खुशखबरी दी है, उसने कहा है कि मानसून 1 जून को केरल पहुंच जाएगा और ये महाराष्ट्र में 8 जून को दस्तक दे सकता है और मानसून से पूर्व की गतिविधियां 30 मई से शुरू हो सकती हैं, जिसके बाद केरल और महाराष्ट्र में बारिश का सिलसिला चालू हो जाएगा, जिससे लोगों को गर्मी से निजात मिलेगी।
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8 जून को महाराष्ट्र पहुंचेगा मानसून
भारतीय मौसम विभाग पुणे के वैज्ञानिक डॉ. अनुपम कश्यपी ने बताया कि केरल तट पर मौसमी गतिविधियां काफी अनुकूल हैं., दक्षिणी-पश्चिमी मानसून केरल में 1 जून को दस्तक दे सकता है और 31 मई से 4 जून के बीच दक्षिण-पूर्व और पूर्वी-मध्य अरब सागर के पास कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, इस साल मानसून के सामान्य रहने की संभावना जताई है। जिससे फसलों की अच्छी पैदावार होगी और अर्थव्यवस्था को भी फायदा पहुंचेगा।
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मौसम विभाग ने कही बड़ी बात
इस पहले मौसम विभाग ने कहा कि राजधानी दिल्ली में मानसून की सामान्य शुरुआत 23 जून से 27 जून के बीच में होगी तो वहीं दूसरी ओर मुंबई और कोलकाता में मानसून क्रमश: 10 और 11 जून के बीच पहुंचेगा लेकिन अब जब मानसून केरल और महाराष्ट्र में दो दिन पहले पहुंच रहा है तो इसका आगमन अब देश के दूसरे राज्यों में भी पहले ही होगा, हालांकि अभी मौसम विभाग ने बाकी राज्यों की डेट के बारे में कुछ नहीं कहा है।
केरल में Yellow अलर्ट
अरब सागर में बन रहे लो प्रेशर की वजह से केरल के कई हिस्सों में अगले 3 दिन भारी बारिश हो सकती है। जिस वजह से Yellow अलर्ट जारी किया गया है। केरल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने समुद्र में गुरुवार रात से सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है। साथ ही जो मछुआरे समुद्र में हैं, उन्हें भी वापस आने को कहा गया है। मौसम विभाग ने मछुवारों को 31 मई से 4 जून तक समुद्र में नहीं जाने की हिदायत दी है। केरल के अलावा 30-31 मई को कर्नाटक और तेलंगाना में भी बारिश की संभावना है।
जानिए आखिर 'मानसून' कहते किसे हैं?
मानसून मूलतः हिंद महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है। इस शब्द का प्रथम प्रयोग ब्रिटिश भारत में (वर्तमान भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश) एवं पड़ोसी देशों के संदर्भ में किया गया था। ये बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से चलने वाली बड़ी मौसमी हवाओं के लिये प्रयोग हुआ था, जो दक्षिण-पश्चिम से चलकर इस क्षेत्र में भारी वर्षाएं लाती थीं। हाइड्रोलोजी में मानसून का व्यापक अर्थ है- कोई भी ऐसी पवन जो किसी क्षेत्र में किसी ऋतु-विशेष में ही अधिकांश वर्षा कराती है।
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