Good News: कोरोना वैक्सीन का 14 लोगों पर सफल रहा ट्रायल, जगी उम्मीद!
नई दिल्ली। चीन से निकलकर वैश्विक महामारी में तब्दील हो चुकी कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए विकसित वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल सफल रहा है। चीन में कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए विकसित वैक्सीन का क्लिीनिकल ट्रायल गत 17 मार्च को शुरू किया गया था, जिसके परिणाम सफल रहें है, जिससे उम्ंमीद जगी है कि देर-सबेर कोरोना वायरस महामारी से दुनिया को बचाया जा सकेगा।
गौरतलब है कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया में कहर ढा रखा है। चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस का एपिक सेंटर अभी अमेरिका का है, जहां अब तक सर्वाधिक 290692 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 7844 लोगों की यह वायरस जान ले चुका है। चीन के बाद यूरोपीय देश इटली में कोरोना वायरस ने सबसे अधिक कहर बरपाया, जहां अबतक 119827 लोग संक्रमित हैं और विश्व में सर्वाधिक 14891 लोग जान गंवा चुके हैं।
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ऐसा कहा जा सकता है कि चीन के बाद यूरोपीय देश कई देश कोरोना वायरस के चपेट में आए। इनमें इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन प्रमुख हैं। यूरोपीय देश में इटली के बाद स्पेन सर्वाधिक प्रभावित रहा, जहां अब तक 124736 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है जबकि 11744 संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है।
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उल्लेखनीय है फ्रांस और ब्रिटेन की भी कमोबेश यही हालत है, लेकिन मृत्युदर के मामले में जर्मनी का आंकड़ा बेहतर हैं, जहां संक्रमित 92150 मरीजों में से केवल 1330 मरीजों की मौत हुई है। पूरे देश में कोरोना वायरस को फैलाने वाले चीन में यह आंकड़ा और भी कम हैं। चीन में कुल 81639 लोग संक्रमित पाए गए है, जिनमें से 3336 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
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चीन ने 17 मार्च को कोविड-19 वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया
गत 17 मार्च को चीन ने कोविड-19 के लिए बनाई गई वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया था, जो सफल रहा है। चीन ने यह ट्रायल कुल 14 इंसानों पर किया था। अब इस परीक्षण के बेहद पॉजिटिव रिजल्ट सामने आ रहे हैं।
चीन ने इस क्लीनिकल ट्रायल के लिए कुल 108 लोगों को चुना था
चीन ने इस क्लीनिकल ट्रायल के लिए कुल 108 लोगों को चुना था जो वॉलंटियर्स आए थे, उनमें से 14 ने वैक्सीन के परीक्षण की अवधि पूरी कर ली है। 14 दिनों तक क्वारनटीन में रहने के बाद अब वो अपने-अपने घर भेज दिए गए हैं।
चीन में ये सारे परीक्षण चीन के वुहान शहर में शुरू किए गए थे
चीन में ये सारे परीक्षण चीन के वुहान शहर में शुरू किए गए थे। वैक्सीन के परीक्षण के बाद देखा गया कि जिन 14 लोगों को घर भेजा गया है। अब वो पूरी तरह से सुरक्षित और सेहतमंद हैं। साथ ही ये मेडिकल निगरानी में हैं
वैक्सीन को चीन में सबसे बड़ी बायो-वॉरफेयर साइंटिस्ट चेन वी ने बनाया
इस वैक्सीन को चीन में सबसे बड़ी बायो-वॉरफेयर साइंटिस्ट चेन वी और उनकी टीम ने बनाया है. जिन 108 लोगों पर परीक्षण किया जा रहा था। ये सभी लोग 18 साल से लेकर 60 साल तक की उम्र के हैं।
ट्रायल में हिस्सा लेने वाले सभी 108 लोगों को तीन समूहों में बांटा गया
क्लिीनिकल ट्रायल में हिस्सा लेने वाले सभी 108 लोगों को तीन समूहों में बांटा गया था। तीनों समूहों के लोगों को वैक्सीन की अलग-अलग मात्रा दी गई थी। इन सभी 108 लोगों को वुहान स्पेशल सर्विस हेल्थ सेंटर में क्वारनटीन किया गया है।
ट्रायल के हिस्सा रहे सभी लोगों को अलग-अलग दिन वैक्सीन दी गई
क्लिीनिकल ट्रायल के हिस्सा रहे सभी लोगों को अलग-अलग दिन वैक्सीन दी गई है, इसलिए सभी लोगों को क्वारनटीन पीरियड पूरा होने तक वहीं रहना है। यानी ये सभी लोग अगले कुछ हफ्तों में अपने-अपने घर जा सकेंगे।
घर भेजे गए लोग छह महीने तक मेडिकल निगरानी में रहेंगे
जिन 14 लोगों को घर भेजा गया है, अब उन्हें छह महीने तक मेडिकल निगरानी में रखा जाएगा। हर दिन उनका मेडिकल टेस्ट होगा। इन 6 महीनों में यह देखा जाएगा कि अगर इन्हें कोरोना वायरस संक्रमण होता है तो इनका शरीर कैसी प्रतिक्रिया देता है।
शरीर में कोरोना से लड़ने की क्षमता विकसित होते ही वैक्सीन तैयार होगा
जैसे ही उनके शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित हो जाएगी यानी उनके शरीर में एंटीबॉडी बन जाएगा, उनके खून का सैंपल लेकर वैक्सीन को बाजार में उतार दिया जाएगा.
वैक्सीन खोजकर्ता चेन वी ने बताया कि पहला ट्रायल लगभग सफल है
बायो-वॉरफेयर साइंटिस्ट चेन वी ने बताया कि हमारा पहला ट्रायल लगभग सफल है।हमें जैसी ही इसकी ताकत का पता चलता है, हम इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समझौते करके दुनिया भर को देंगे। हम चाहते हैं कि कोरोना वायरस का इलाज पूरी दुनिया तक पहुंचे।