रेलवे स्टेशनों पर पर्यावरण के लिए लौटेंगे 'अच्छे दिन', रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 'कुल्हड़' को लेकर किया बड़ा ऐलान
नई दिल्ली- रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे स्टेशनों पर पर्यावरण के अनुकूल एक बहुत बड़े कदम उठाए जाने का ऐलान किया है। गोयल ने घोषणा की है कि अब देश के सभी स्टेशनों पर चाय के लिए प्लास्टिक कपों का इस्तेमाल बंद कर दिया जाएगा और उसकी जगह पर सिर्फ मिट्टी के कुल्हड़ में ही चाय परोसी जाएगी। गौरतलब है कि इस तरह की मांग पहले से ही उठती रही है, लेकिन अब इस दिशा में सरकार ने रेल मंत्री के स्तर से ऐलान किया है। रेल मंत्रालय के इस कदम से लाखों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होने की भी उम्मीद है और इस योजना में खादी ग्रामोद्योग भी योगदान दे रहा है।
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रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ वाली चाय बेचने की योजना की घोषणा रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज राजस्थान के अलवर जिले में उत्तर-पश्चिम रेलवे के दिल्ली-अहमदाबाद रेलमार्ग पर ढिगावड़ा-बांदीकुई रेल खंड के विद्युतीकृत सेक्शन के उद्घाटन के मौके पर की है। यह कार्यक्रम ढिगावड़ा रेलवे स्टेशन पर आयोजित किया गया था। इसी मौके पर उन्होंने कहा है कि प्लास्टिक-मुक्त भारत के मद्देनजर रेलवे नई पहल की शुरुआत करने जा रहा है। उन्होंने कहा- 'आज देश के करीब 400 रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में चाय दी जाती है; और भविष्य में हमारी यह योजना है कि देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर सिर्फ कुल्हड़ में ही चाय बेची जाएगी। प्लास्टिक-मुक्त भारत की दिशा में यह रेलवे का योगदान होगा।' रेल मंत्री ने यह भी कहा है कि कुल्हड़ में चाय बेचने से ना सिर्फ पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि लाखों-लाख भाई-बहनों के लिए इसके जरिए रोजगार के भी रास्ते खुलेंगे।
रेल मंत्री ने यह भी कहा कि एक जमाना था कि कुल्हड़ में ही चाय मिलती थी रेलवे स्टेशनों पर, लेकिन बीच में यह गायब हो गया। उन्होंने कहा कि कुल्हड़ में चाय देने की दिशा में खादी ग्रामोद्योग भी योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि 'वास्तव में कुल्हड़ में चाय का स्वाद ही कुछ और होता है।'
गौरतलब है कि 15 साल पहले भी रेलवे में कुल्हड़ में चाय परोसने का काम शुरू हुआ था, लेकिन फिर धीरे-धीरे कैसे प्लास्टिक के कपों ने उसे हटा दिया इसका पता ही नहीं चला। लेकिन, एक बार फिर से प्रकृति की ओर लौटने के लिए भारतीय रेलवे सराहनीय कोशिश कर रहा है। गौरतलब है कि प्लास्टिक के कप में चाय पीना पर्यावरण के लिए तो खराब है ही, यह हमारी सेहत के लिए भी नुकसानदेह है। मिट्टी के कुल्हड़ में चाय पीने से शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ती है और यब एसिडिटी को भी कम करता है।