Godhra Riot: जब ट्रेन के डिब्बे में बरसने लगे पत्थर, 59 लोगों को किया आग के हवाले
नई दिल्ली। गोधरा में जिस तरह से 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस को आग के हवाले किया गया था, उसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भडक गए थे। जिसमें सैकड़ों लोगों की हत्या कर दी गई थी। तकरीबन 15 साल बाद इस मामले की सुनवाई करते हुए गुजरात हाई कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला बदल दिया है, कोर्ट ने इस मामले में 11 दोषियों की फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया है, साथ ही इस घटना में मारे गए कारसेवकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए का मुआजवा देने को भी कहा है। कोर्ट ने इस मामले में तत्कालीन राज्य में मोदी सरकार की भी आलोचना की है। आपको बता दें कि 27 फरवरी को 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन से महज एक किलोमीटर दूर साबरमती एक्सप्रेस में एक कोच में आग लगा दी गई थी, जिसमें कई कारसेवकर सवार थे, इस घटना में 59 लोगों की जलकर मौत हो गई थी।
59 लोग जिंदा जले
गोधरा स्टेशन से मह एक किलोमीटर दूर जिस तरह से ट्रेन को एक कोच को आग के हवाले किया गया उसके बाद इस घटना ने हिंदुओ और मुसलमानों के बीच की खाई को काफी गहरा कर दिया है। ट्रेन के कोच नंबर एस-6 में जिसमें बड़ी संख्या में विहिप के कार सेवक यात्रा कर रहे थे उसे निशाना बनाया गया था, जानकारी के मुताबिक इस ट्रेन में तकरीबन 1500 लोगों ने मिलकर आग लगाई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे।
सुनियोजित तरीके से हुई घटना
जिस तरह से ट्रेन के भीतर उसी कोच को निशाना बनाया गया जिसमे कारसेवक सवार थे, उससे यह साफ था कि हमलावरों को पहले से इस बात की जानकारी थी कि इस डिब्बे में कारसेवक ही सवार हैं। लोग बोगी से बाहर नहीं निकल पाए इसके लिए इस कोच के भीतर जमकर पत्थरबाजी की गई, लिहाजा जिस तरह से इस घटना को अंजाम दिया गया उससे साफ था कि इस घटना को अंजाम देने के लिए बकायदा एक योजना बनाई गई थी। गुजरात पुलिस ने अपनी जांच में भी इस बात को माना है कि इस घटना को साजिश के तहत कराया गया था, साथ ही पुलिस ने घटना में आईएसआई के हाथ होने की भी बात कही थी। इस घटना के पीछे की वजह साफ थी कि राज्य में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देना।
सैकड़ों लोगों की हुई मौत
गोधरा कांड के बाद तमाम शहरों में दंगे भड़क गए थे, जिसे रोकने में तत्कालीन राज्य सरकार पूरी तरह से विफल रही थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच का आदेश दिया गया था। इस दंगे के बाद के बाद 11 मई 2005 को यूपीए सरकार ने जो रिपोर्ट संसद में रखी थी उसके अनुसार गुजरात दंगे में कुल 1044 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें 790 मुसलमान और 254 हिंदू शामिल थे। इस मामले में 2012 को कोर्ट का फैसला आया, जिसमें 184 हिंदुओ ओर 65 मुसलमानों को सजा हुई थी।
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