'बिना कारण' बताए टिकट कैंसिल करना गो-एयर को पड़ा भारी, 98 हजार चुकाने के निर्देश
नई दिल्ली। एयरलाइन कंपनी गो-एयर को 'बिना कारण' बताए एक ग्राहक के 25 टिकट कैंसिल करना भारी पड़ गया। उपभोक्ता फोरम ने इस मामले में गो-एयर को मुआवजे के रूप में मुंबई के विले पार्ले में रहने वाले शख्स को 98 हजार रुपये से अधिक के भुगतान का निर्देश दिया है। पूरा मामला साल 2015 का है, जब मुंबई के जयेश पांड्या ने अपनी बेटी की शादी में आने के लिए अहमदाबाद से अपने मेहमानों के लिए गो-एयर में 25 टिकट बुक किए थे। शादी कार्यक्रम मुंबई में था।
इसे भी पढ़ें:- इमरान हाशमी के कैंसर से पीड़ित बेटे को लेकर आई ये बड़ी खबर
मई 2014 में कराए थे टिकट
जानकारी के मुताबिक मुंबई के विले पार्ले में रहने वाले जयेश पांड्या ने मई 2014 में अपने मेहमानों के लिए गो-एयर की फ्लाइट में 17 फरवरी, 2015 के लिए 25 टिकट बुक कराए, इसके लिए उन्होंने 50,000 रुपये खर्च किए थे। उन्होंने बताया कि मैंने शादी को ध्यान में रखते हुए ये टिकट बुक कराए थे। हालांकि जब मैंने जनवरी 2015 में यात्रियों के नाम की सूची के संबंध में एयरलाइन से संपर्क किया, तो उन्होंने बिना कारण बताए उड़ान रद्द करने की जानकारी दी।
बेटी की शादी में आने के लिए बुक कराए थे टिकट
जयेश पांड्या ने बताया कि गो-एयर की फ्लाइट रद्द होने के बाद, मैंने विस्तारा एयरलाइंस में 24 यात्रियों के लिए 88,816 रुपये में टिकट बुक किए। इसके बाद फरवरी 2015 में, उन्होंने गो-एयर फ्लाइट से अपने टिकट कैंसिल होने के खर्च की प्रतिपूर्ति मांगी, इस संदर्भ उन्होंने एयरलाइन को दो बार पत्र लिखा। शुरुआत में, गो-एयर ने उन्हें 3,000 रुपये मूल्य के क्रेडिट वाउचर के साथ आश्वासन दिया कि रिफंड प्रक्रिया चल रही है। हालांकि बाद में कंपनी ने पांड्या की मांग पर कोई सुनवाई नहीं की।
उपभोक्ता फोरम में शिकायत के बाद हुई सुनवाई
इसके बाद, पांड्या ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से RTI डालकर पूछा कि क्या एयरलाइन ने 17 फरवरी, 2015 को शिड्यूल की गई फ्लाइट में कोई बदलाव किया था। इसके जवाब में खुलासा हुआ कि इस संबंध में कोई बदलाव नहीं किया गया था, जिसके बाद पांड्या ने नवंबर 2016 में उपभोक्ता फोरम से संपर्क किया। इस बीच, गोएयर ने उपभोक्ता फोरम को सूचित किया कि डीजीसीए के शीतकालीन शिड्यूल के अनुसार, 6 सितंबर, 2014 से उड़ान का समय बदल दिया गया था।
98 हजार रुपये देने के निर्देश
हालांकि उपभोक्ता फोरम ने कहा कि DGCA से RTI की जानकारी में गो-एयर के बदले हुए समय के दावे का खंडन किया है, और साथ फोरम ने माना कि एयरलाइन ने गलत साक्ष्य प्रस्तुत किया है। गोएयर ने टिकट रद्द करने के बारे में ईमेल के माध्यम से पांड्या से संपर्क करने का भी दावा किया, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं दे सका। वहीं एयरलाइन ने मार्च 2015 से ईमेल की प्रतियां जमा कीं, जिसमें पांड्या के साथ रिफंड वापसी की चर्चा थी। सभी बातों को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ता फोरम ने एयरलाइन को जयेश पंड्या को टिकट के रुपये के साथ मुआवजा देने का भी निर्देश दिया। टिकटों के लिए 50,000 रुपये और विस्तारा एयरलाइंस के लिए भुगतान में 38,816 अधिक राशि भी पंड्या को देने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा 10,000 रुपये अतिरिक्त मुआवजे के रूप में देने के भी निर्देश फोरम ने गोएयर को दिए।
इसे भी पढ़ें:- यूपी में मोदी के इन 6 मंत्रियों पर भारी पड़ सकता है अखिलेश-मायावती का गठबंधन!