CAA-NRC के नाम पर अल्पसंख्यकों को डरा रही है कांग्रेस कहकर गोवा में 4 नेताओं ने छोड़ी पार्टी
नई दिल्ली- नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ जारी प्रदर्शनों को हवा दे रही कांग्रेस को बहुत बड़ा झटका लगा है। गोवा में कांग्रेस के चार नेताओं ने ये कहकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है कि सीएए और एनआरसी का तो समर्थन किया जाना चाहिए, लेकिन पार्टी अल्पसंख्यकों के दिमाग में डर पैदा कर रही है। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही है और इसे असंवैधानिक करार दे रही है। यही नहीं वह एनआरसी के नाम पर भी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। हालांकि, एनआरसी पर अभी किसी तरह का आधिकारिक फैसला नहीं लिया गया है।
कांग्रेस के 4 नेताओं ने सीएए-एनआरसी के समर्थन में छोड़ी पार्टी
गोवा में कांग्रेस के अपने नेताओं ने ही पार्टी की बहुत बड़ी फजीहत करा दी है। गुरुवार को गोवा के 4 कांग्रेस नेताओं ने नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स के समर्थन में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी छोड़ने वाले कांग्रेस नेताओं ने अपनी पार्टी पर सीएए के मुद्दे पर 'लोगों को खासकर अल्पसंख्यकों को गुमराह' करने का आरोप लगाया है। इन नेताओं ने नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर कांग्रेस के स्टैंड को पूरी तरह गलत बताते हुए कहा है कि इसका तो स्वागत किया जाना चाहिए। बता दें कि कांग्रेस पार्टी सीएए को असंवैधानिक बताकर इसका विरोध कर रही है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो सीएए और एनआरसी की तुलना नोटबंदी तक से की है।
'अल्पसंख्यकों के दिमाग में डर पैदा कर रही है पार्टी'
इस्तीफा देने वाले कांग्रेस नेताओं ने अपनी पार्टी पर आरोप लगाया है कि 'वह राजनीतिक फायदे के लिए लोगों को गुमराह कर रही है और अल्पसंख्यकों के दिमाग में डर पैदा कर रही है। उन्होंने पार्टी पर ये भी आरोप लगाया है कि वह अल्पसंख्यकों को भड़काने की कोशिश कर रही है। पणजी कांग्रेस ब्लॉक कमिटी के अध्यक्ष प्रसाद अमोनकर के मुताबिक, "सीएए और एनआरसी के खिलाफ पिछले हफ्ते हुए कांग्रेस के प्रदर्शन में हम सभी लोग शामिल थे। लेकिन, हमें नेताओं के भाषणों से महसूस हुआ कि वह अल्पसंख्यकों के दिमाग में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे थे। यह सही नहीं है।"
इस्तीफा देने वालों में एक अल्पसंख्यक सेल के चीफ भी
गोवा में कांग्रेस के जिन नेताओं ने पार्टी छोड़ी है, उन्होंने कहा कि वे नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में हैं और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स का भी समर्थन करते हैं। जिन नेताओं ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी है, उनमें पणजी कांग्रेस ब्लॉक कमिटी के अध्यक्ष प्रसाद अमोनकर, नॉर्थ गोवा अल्पसंख्यक सेल के प्रमुख जावेद शेख, ब्लॉक कमिटी के सचिव दिनेश कुबाल और पूर्व युवा कांग्रेस के नेता शिवराज तारकर शामिल हैं। आपको बता दें कि राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि इन मुद्दों को उछालकर मोदी सरकार असल मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है। वे ये भी आरोप लगा चुके हैं कि एनआरसी के लिए गरीबों से तो दस्तावेज मांगे जाएंगे, लेकिन उद्योगपतियों से कोई कागज नहीं मांगा जाएगा।
तीन मुल्कों के शरणार्थियों के लिए बना है कानून
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत तीन पड़ोसी मुल्कों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना के शिकार होकर भारत आने वाले शरणार्थियों को यहां की नागरिकता देने का प्रावधान है। सीएए में में जिन धर्म के पीड़ितों को नागरिकता देने का प्रावधान है, वे हैं हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिश्चियन। इनमें से किसी भी धर्म के लोग अगर अपना धर्म बचाने के लिए 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आ गए होंगे तो उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी।