दिल्ली के बाद अब गोवा के आर्कबिशप ने लिखी चिट्ठी, 'खतरे में है संविधान और लोकतंत्र'
पणजी: हाल ही में दिल्ली के आर्कबिशप ने एक पत्र जारी कर देश में नई सरकार के गठन के लिए ईसाई समुदाय से प्रार्थना करने का आह्वान किया था और देश के माहौल को अशांत करार दिया था। वहीं अब दिल्ली के बाद गोवा और दमन के आर्कबिशप फादर फिलिप नेरी फेर्राओ ने भी पत्र जारी कर कहा है कि संविधान खतरे में है और लोग असुरक्षा के माहौल में जी रहे हैं।
आर्कबिशप ने कहा है कि संविधान को ठीक से समझा जाना चाहिए, क्योंकि आम चुनाव करीब आ रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा है कि मानवाधिकार का हनन हो रहा है और लोकतंत्र खतरे में है।
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आर्कबिशप फादर फिलिप नेरी फेर्राओ ने लिखा पत्र
आर्कबिशप फादर फिलिप नेरी फेर्राओ ने 1 जून से पादरी वर्ष की शुरुआत के मौके पर पत्र जारी कर गोवा एवं दमन क्षेत्र के ईसाई समुदाय को संबोधित किया है और लिखा है कि देश में असुरक्षा का माहौल है और लोकतंत्र खतरे में है। बता दें कि पादरी वर्ष 1 जून से 31 मई तक होता है।
दिल्ली के आर्क बिशप अनिल काउटो ने लिखा था पत्र
गौरतलब है कि इसके पहले दिल्ली के आर्क बिशप अनिल काउटो ने ईसाई समुदाय से वर्ष 2019 में नई सरकार के लिए दुआ करने का आह्वान किया गया था। बिशप ने भारत की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को ‘अशांत' करार दिया था और लिखा था कि हमलोग अशांत राजनीतिक माहौल का गवाह बन रहे हैं। जिसके कारण संविधान में उल्लिखित लोकतांत्रिक सिद्धांतों और देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को खतरा पैदा हो गया है।
आर्क बिशप ने बताया था देश को अशांत
आर्क बिशप ने कहा था कि देश और राजनेताओं के लिए प्रार्थना करना हमारी पवित्र परंपरा है और आम चुनावों के नजदीक आने के वजह से ये काफी अहम हो जाता है। पत्र में आर्क बिशप ने ईसाई समुदाय से देश के लिए हर शुक्रवार को विशेष तौर पर प्रार्थना की अपील भी की थी। इस पत्र के जारी होने के बाद सियासत गरमा गई थी और भाजपा ने आर्क बिशप की तीखी आलोचना की थी।