GJM नेता का आरोप, असम के अवैध नागरिकों के लिए ममता सरकार ने खुफिया जमीन की पहचान की
नई दिल्ली। असम में जिस तरह से एनआरसी ड्राफ्ट को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है उसके बाद गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता बिमल गुरुंग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया है कि उनकी सरकार ने उन तमाम लोगों को बंगाल में बसाने की योजना बनाई है जिनका नाम एनआरसी में नहीं है। बिमल गुरुंग ने आरोप लगाया है कि बंगाल की टीएमसी सरकार ने खुफिया तरीके से दार्जिलिंग में जमीन की पहचान की है जहां उन तमाम लोगों को बसाने की तैयारी है जिनका नाम एनआरसी में नहीं है।
विपक्ष
ने
बोला
हमला
गुरुंग
ने
कहा
कि
अवैध
बांग्लादेशी
नागरिकों
को
भारत
में
बसाना
जिनका
नाम
एनआरसी
में
नहीं
है
वह
देश
की
सुरक्षा
के
लिए
खतरा
बन
सकता
है।
वहीं
गुरुंग
के
आरोपों
पर
पलटवार
करते
हुए
जीटीए
के
चेयरमैन
अनित
थापा
ने
कहा
कि
गुरुंग
लोगों
को
गुमराह
कर
रहे
हैं।
गुरुंग
पिछले
कई
वर्षों
से
दार्जिलिंग
से
बाहर
थे
और
अपनी
जिंदगी
बचाने
के
लिए
यहां
आए
हैं।
उन्होंने
लोगों
को
मुश्किल
में
यहां
छोड़
दिया
था,
वह
खुद
भी
विध्वंशकारी
गतिविधियों
में
लिप्त
थे,
लिहाजा
उन्हें
देश
की
सुरक्षा
के
बारे
में
बात
करने
का
कोई
अधिकार
नहीं
हैवह
लोगों
को
गुमराह
करने
की
कोशिश
कर
रहे
हैं।
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कई
मामले
हैं
दर्ज
टीएमसी
के
दार्जिलिंग
जिला
के
अध्यक्ष
एलबी
राय
ने
भी
गुरुंग
के
आरोपों
को
सिरे
से
खारिज
करते
हुए
कहा
कि
उनके
आरोप
निराधार
हैं,
वह
इस
पूरे
मुद्दे
का
मजाक
उड़ाना
चाहते
हैं।
आपको
बता
दें
कि
गुरुंग
पिछले
काफी
समय
से
फरार
थे,
उनपर
एंटी
टेरर
लॉ
के
तहत
मामला
दर्ज
है,
साथ
ही
उनके
खिलाफ
दार्जिलिंग
को
अलग
राज्य
का
दर्जा
देने
की
मांग
को
लेकर
आंदोलने
के
दौरान
हिंसा
भड़काने
का
भी
मामला
दर्ज
है।
40
लाख
लोगों
के
नाम
एनआरसी
से
गायब
आपको
बता
दें
कि
असम
में
एनआरसी
ड्राफ्ट
के
तैयार
होने
के
बाद
40
लाख
नागरिकों
को
इसमे
शामिल
नहीं
किया
गया
है।
हालांकि
गृहमंत्री
राजनाथ
सिंह
ने
साफ
किया
है
कि
जिन
लोगों
के
नाम
इसमे
शामिल
नहीं
है
उनके
नाम
अभी
भी
लिस्ट
में
शामिल
हो
सकता
है।
लेकिन
जिस
तरह
से
तमाम
ऐसे
लोगों
के
नाम
इस
लिस्ट
से
गायब
हैं
जो
कि
सेना
से
लेकर
सरकारी
नौकरियों
में
शामिल
हैं
उसके
बाद
लगातार
विपक्ष
इस
मुद्दे
पर
केंद्र
सरकार
को
घेर
रहा
है।
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