जेल में गीता, उपनिषद से मिली प्रेरणा, छोड़ दिया मांसाहार, अब इन ग्रंथों पर किताब लिखेंगे सुहैब इलियासी
नई दिल्ली। पत्नी अंजू इलियासी की हत्या के आरोप से बरी हुए एक जमाने के स्टार टीवी एंकर सुहैब इलियासी ने जेल के दिनों का अनुभव साझा किया है। इलियासी ने कहा कि वह मुस्लिम होने के नाते जेल में रोज नमाज पढ़ा करते थे। सुहैब इलियासी ने बताया कि वह जेल में शक्ति प्राप्त करने के लिए गीता और उपनिषद का पाठ किया करते थे। इलियासी ने बताया कि गीता और उपनिषद पढ़ने से उन्हें कठिन समय में हिम्मत मिली।
गीता से मिले ज्ञान ने दी इलियासी को ताकत, त्याग दिया मांसाहार
जेल के कठिन समय को याद करते हुए इलियासी ने कहा, 'जेल के अंदर मुझे अनिश्चित इंतजार था, इसका अंत मुझे पता नहीं था, असुरक्षा का भाव था, ऐसे हाल में भागवत गीता और उपनिषदों की शिक्षा से ढांढस बंधा।' इलियासी कहते हैं, 'वो बहुत बुरे दिन थे। उपनिषदों से मिले ज्ञान ने मुझे ताकतवर और सकारात्मक बनाए रखा, मुझे इससे प्रेरणा भी मिली।' भागवत गीता और उपनिषदों से प्राप्त ज्ञान ने इलियासी के भीतर काफी कुछ बदल दिया। इलियासी ने मांसाहार का त्याग कर दिया और पवित्र गीता, उपनिषदों के ज्ञान को साथियों के साथ भी साझा किया।
गीता और उपनिषद की शिक्षाओं पर किताब लिखेंगे इलियासी
सुहैब इलियासी कहते हैं कि यह बड़ी जगजाहिर बात है कि भागवत गीता से इस्लाम समेत सभी धर्मों ने प्रेरणा ली है। आज के दौर में यह बेहद अहम बात है कि धर्म के बंधन से परे जाकर सभी इस पवित्र ज्ञान को समझें। इससे समाज में एकता और समरसता आएगी। इलियासी कहते हैं कि वह गीता और उपनिषद की शिक्षा को आसान शब्दों में बताने के लिए एक किताब पर काम कर रहे हैं। उन्होंने जेल में रहते हुए ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया था। सुहैब इलियासी के पिता का नाम जमील इलियासी है, जो कि ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष थे।
जब ट्रायल कोर्ट सुनाई सजा तो खिसक गई थी सुहैब के पैंरो के नीचे से जमीन
सुहैब इलियासी को पत्नी अंजू की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 5 अक्टूबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इलियासी को बरी कर दिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने इसे खुदकुशी का मामला मानकर फैसला सुनाया। इलियासी ने बताया, कि जब ट्रायल कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई तो उनके पैरों के नीचे से जमीन ही खिसक गई थी।