उच्च शिक्षा के मामले में लड़कियों ने सात राज्यों में लड़कों को पछाड़ा
नई दिल्ली। उच्च शिक्षा के लिए छात्रों के गिरती संख्या देश के लिए चिंता का विषय है, लेकिन जिस तरह से ताजे आंकड़े सामने आए हैं वह एक उम्मीद जगाते हैं। आंकड़ों के अनुसार उच्च शिक्षा के लिए छात्राओं की संख्या में छात्रों की तुलना में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ऑल इंडिया हायर एजूकेशन सर्वे के अनुसार छात्राएं अब उच्च शिक्षा हासिल कनरे के लिए अपने कदम आगे बढ़ा रही हैं। मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को इस सर्वे को जारी किया है। सर्वे के अनुसार जेंडर पैरिटी इंडेक्स (जीपीआई) में भारत ने सुधार किया है और अब 2010-11 से 2016-17 में यह 0.86 फीसदी से बढ़कर 0.94 फीसदी हो गया है।
जम्मू-कश्मीर में भी लड़कियां आगे
सर्वे के अनुसार जेंडर पैरिटी इंडेक्स में पिछले सात वर्षो में भारत ने सुधार किया है। पिछले सात सालों में गोवा, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, जम्मू कश्मीर, नागालैंड, सिक्किम और केरल में महिलाओं ने पुरुषों को उच्च शिक्षा हासिल करने के मामले में पीछे छोड़ दिया है। यही नहीं जम्मू कश्मीर में महिलाओं ने पिछले दो वर्षों में ही पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। हालांकि 2015-16 व 2016-17 में उच्च शिक्षा हासिल करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है और यह 23-25 फीसदी के बीच ही रहा।
तमिलनाडु सबसे आगे
हिमाचल प्रदेश में उच्च शिक्षा हासिल करने वालों की संख्या में कुल 36.7 फीसदी, केरल में 34.2 फीसदी, पंजाब में 28.6 फीसदी और तमिलनाडु में 46.9 फीसदी, आंध्र प्रदेश में 32.4 फीसदी व हरियाणा में 29 फीसदी छात्र उच्च शिक्षा हासिल कनरे की ओर आगे बढ़े हैं। सर्वे में उन छात्रों को शामिल किया गया है जो ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रैजुएट, रिसर्च कर रहे हैं और इस कोर्स में उन्होंने अपना आवेदन किया है। इसमे तमिलनाडु सबसे आगे हैं, वहां 46.9 फीसदी छात्रों ने उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए पंजीकृत हैं।
बिहार में सबसे कम
वहीं देश के आठ राज्यो में उच्च शिक्षा हासिल करने वालों की संख्या राष्ट्रीय औसत से भी कम है। उत्तर प्रदेश में 24.9 फीसदी, मध्य प्रदेश में 20 फीसदी, ओडिशा में 21 फीसदी, बिहार में 14 फीसदी, गुजरात में 20.2 फीसदी, राजस्थान में 20.5 फीसदी, मिजोरम में 24.5 फीसदी, पश्चिम बंगाल में 18.5 फीसदी है। बिहार में सबसे कम 14.4 फीसदी छात्र ही उच्च शिक्षा में आवेदन करते हैं।
अमेरिका में 85 फीसदी आंकड़ा
सर्वे के अनुसार देश में पिछले वर्ष कुल 864 यूनिवर्सिटी थे, वहीं 2016-16 में इसकी कुल संख्या 799 भी थी। इन तमाम यूनिवर्सिटी में कुल 3.57 करोड़ छात्र हैं, जिसमे 1.9 करोड़ लड़के वह 1.67 करोड़ लड़कियां हैं। तकरीबन 80 फीसदी छात्र यानि 2.83 छात्र ग्रेजुएट कोर्ट में हैं, 40 लाख यानि 11.2 फीसदी छात्र पोस्ट ग्रेजुएट में हैं, वहीं पीएचडी के लिए 0.4 फीसदी छात्र हैं। भारत 2020 तक ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो में 30 फीसदी तक का लक्ष्य हासिल करना चाहता है, लेकिन भारत अभी चीन के 43.39 फीसदी, अमेरिका के 85.8 फीसदी से कहीं पीछे हैं, वहीं पाकिस्तान इस मामले में महज 9.93 फीसदी है, जहां छात्र उच्च शिक्षा के लिए इनरोल हैं।