कैसे हुई गुजरात के गिर में 23 शेरों की मौत, सामने आई बड़ी वजह
अहमदाबाद। गुजरात के गिर अभयारण्य में 21 दिनों में 23 शेरों की मौत की शुरूआती जांच में जानलेवा कैनाइन डिस्टेंपर वायरस को वजह माना जा रहा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने कहा है कि गिर अभयारण्य में 27 में से कम से कम से 21 शेर कैनिन डिस्टेंपर वायरस से संक्रमित थे। 20 सितंबर से गिर अभयारण्य में अब तक 23 शेरों की मौत हो चुकी है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी द्वारा गिर के 27 शेरों से नाक, ओकुलर और रेक्टल स्वैब्स के कुल 80 नमूने लिए गए थे। आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव के मुताबिक, गिर के शेरों में यह वायरस सक्रिय है। उनका कहना है कि इन जानवरों को तुरंत कैनिन डिस्टेंपर वायरस का टीका लगाया जाए। अधिकांश मौजूद टीके सीडीवी अमेरिकी जीनोटाइप से बने हैं और इन टीकों का इस्तेमाल कई देशों में किया गया है जो प्रभावी भी साबित हुए हैं। इस वायरस ने 1994 में पूर्वी अफ्रीका के सेरेनेगी वन क्षेत्र में शेरों आबादी की 30 फीसदी आबादी को नुकसान पहुंचाया था।
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि ये सक्रिय बीमारी संचरण का संकेत है, इसलिए निर्देश दिया गया है कि गिर के शेरों को टीका दिया जाए और अलग-अलग स्थानों पर रखा जाए। ICMR के अधिकारियों ने ये भी सिफारिश की है कि गिर से स्वस्थ शेरों को अलग-अलग अभयारण्य में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
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