Video:गुलाम नबी आजाद का 14 साल पुराना वह इमोशनल वीडियो, जिसने PM Modi की आंखों में ला दिए आंसू
नई दिल्ली: राज्यसभा में आज कांग्रेस सांसद और सदन में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद समेत चार सांसदों की विदाई भाषण के दौरान ऐसा मौका आया कि प्रधानमंत्री का गला रुंध गया और उनकी आंखों से आंसू छलक आए। उस वक्त राज्यसभा में सभापति के साथ ही जो भी सदस्य मौजूद थे या जिन्होंने भी यह लाइव टेलीकास्ट देखा उन सबके लिए यह बहुत ही भावुक क्षण था। दरअसल, पीएम मोदी ने 14 साल पहले की एक ऐसी घटना का जिक्र किया, जब दोनों- मोदी और आजाद, क्रमश: गुजरात और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे। यह 2007 की बात है जब जम्मू-कश्मीर में गुजरात के पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ था और उसको लेकर गुलाम नबी आजाद ने जो तत्कालीन गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी को फोन किया, वह उन्हीं बातों को याद करते हुए खुद को रोक नहीं पाए और उनकी आंखें भर आईं। हम यहां आपके लिए गुलाम नबी आजाद का वह पुराना इमोशनल वीडियो भी लेकर आए हैं।

गुलाम नबी आजाद के लिए काफी भावुक हो गए पीएम मोदी
गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा में कार्यकाल खत्म होने पर विदाई भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि वह उस आतंकी घटना के बाद आजाद की कोशिशों को कभी नहीं भुला सकते। पीएम मोदी ने कहा, 'मैं श्री आजाद और प्रणब मुखर्जी की कोशिशों को कभी भी नहीं भुला सकता, जब आतंकी हमले की वजह से गुजरात के लोग कश्मीर में फंस गए थे। उस रात.....गुलाम नबी जी ने फोन किया था.........'इतना बोलते ही पीएम मोदी की आंखों में आंसू छलक आए और रुंधे हुए गले को सहज करने के लिए उन्होंने पीना पीया। यह पूरे सदन के लिए भावुक क्षण था। पीएम मोदी ने आगे बताया, 'उनकी चिंता ऐसी थी, जैसे कोई अपने परिवार के सदस्यों के लिए परेशान होता है। उन्होंने इस तरह का एहसास दिखाया।' पीएम मोदी इन भावुक बातों को कहकर खुद को संभालने के लिए थोड़ा रुके तो सदस्यों ने मेजें थपथपानी शुरू कर दीं। पीएम ने फिर आजाद के बारे में अपनी भावनाएं जताना शुरू किया, 'सत्ता आती है- जाती है। लेकिन, आप इसे कैसे चलाते हैं........'और वो फिर से काफी भावुक हो गए और आजाद को सलाम किया। पीएम मोदी जो कहना चाहते थे, वह उनके शब्दों से ज्यादा उनके हाव-भाव से स्पष्ट हो रहा था। उन्होंने आगे कहा- 'वह मेरे लिए बहुत ही भावुक क्षण था।'

उस घटना का जिक्र आजाद भी हो गए भावुक
बाद में गुलाम नबी आजाद ने भी पीएम मोदी की ओर से की गई प्रशंसा पर उनकी सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री व्यक्तिगत संबंधों और पार्टी-पॉलिटिक्स को अलग रखते हैं। उन्होंने कहा- 'हमने सदन में हंगामा किया, हमने लंबे समय तक बहसबाजी की, लेकिन आपने इसका निजी ताल्लुकातों पर कभी भी असर नहीं पड़ने दिया।' इसके बाद उन्होंने भी उस घटना का जिक्र किया, जिसने पीएम मोदी की आंखों में आंसू ला दिए थे। वह घटना आजाद के जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बनने के दो दिन बाद ही घटी थी, जब गुजरात के सैलानियों पर आतंकियों ने हमला किया था। आजाद ने उसे याद करते हुए कहा, 'एयरपोर्ट पर, जिन बच्चों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया था, उन्होंने मेरे पांव पकड़ लिए.......मैं रो पड़ा....हे ईश्वर आपने ये कर दिया है? मैं इन बच्चों को क्या जवाब दूंगा, ये लोग जो घूमने आए थे और अब शव लेकर जा रहे हैं....... ' आंसू फिर से आजाद की आंखों में भी आ चुके थे।
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2007 का वह वीडियो, जिसपर भावुक हुए पीएम मोदी
दरअसल, वह मामला 30 जुलाई, 2007 का है। तबके जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद आतंकी हमले के पीड़ित गुजरात के सैलानियों को देखकर खुद को रोक नहीं पाए थे और बेबस होकर रो पड़े थे। उस वक्त वो सिर्फ इतना ही बोल पाए थे- 'फूल...फ्रूट....फल लेकर भेजना था...... लेकिन....... लाशें भेज रहा हूं........ बहुत अफसोस है....आप सब माफ करना...."(खराब ऑडियो)