J&K में पाबंदियों पर SC के फैसले पर बोले कांग्रेस नेता- जम्मू-कश्मीर का हर व्यक्ति इसका इंतजार कर रहा था
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद वहां लगी पाबंदियों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इंटरनेट का उपयोग करने का अधिकार अनुच्छेद 19 (1) (क) के तहत आता है। कोर्ट ने कहा कि यह फ्रीडम ऑफ स्पीच का जरिया भी है। साथ ही कोर्ट ने सरकार को सभी पाबंदियों की एक हफ्ते में समीक्षा करने का निर्देश दिया। वहीं, कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की प्रतिक्रिया आई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहा, 'जम्मू-कश्मीर का प्रत्येक व्यक्ति इस निर्णय की प्रतीक्षा कर रहा था। SC ने भारत सरकार को यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार को 5 अगस्त, 2019 से पारित सभी आदेशों को प्रकाशित करना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि इंटरनेट पर कोई भी आदेश न्यायिक जांच के तहत आता है।'
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बेहद जरूरी हालात में ही इंटरनेट को बंद किया जा सकता है। जबकि धारा 144 को अनंतकाल के लिए नहीं लगा सकते हैं, इसके लिए जरूरी वजह होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश तुरंत ई-बैंकिंग और ट्रेड सर्विस को शुरू करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार को निर्देश दिया कि सारी पाबंदियों की एक हफ्ते के भीतर समीक्षा की जाए।
Ghulam Nabi Azad, Congress: Each individual in Jammu & Kashmir was waiting for this decision. SC has made it clear to GoI that govt should publish all the orders passed since Aug 5, 2019. Court has also said that any order on internet comes under judicial scrutiny pic.twitter.com/bBe2abFh6J
— ANI (@ANI) January 10, 2020
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी, जस्टिस बी.आर गवई की तीन सदस्यीय बेंच ने इन याचिकाओं पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि धारा 144, ट्रैवल पर रोक से जुड़े सभी आदेशों को पब्लिश करना होगा। साथ ही राज्य सरकार की तरफ से जो फैसले सार्वजनिक किए जाएंगे, उसको लेकर गठित कमेटी उसकी समीक्षा करेगी और अदालत को रिपोर्ट सौंपेगी। कोर्ट ने कहा कि कश्मीर में हिंसा का लंबा इतिहास रहा है। अदालत ने कहा कि उनका काम आजादी और सुरक्षा में तालमेल रखना है।