तीन फ्लैट में बंधक थीं 30 लड़कियां, चंगुल से छूटी दो लड़कियों ने बताई अंदर की 'काली हकीकत'
देश की राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में देह व्यापार और मानव तस्करी से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है। गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके की एक सोसाइटी में तीन फ्लैटों के अंदर से 28 नेपाली महिलाओं को छुड़ाया गया है।
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में देह व्यापार और मानव तस्करी से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है। गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके की एक सोसाइटी में तीन फ्लैटों के अंदर से 28 नेपाली महिलाओं को छुड़ाया गया है। दिल्ली और गाजियाबाद पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर इन महिलाओं को छुड़ाया। इन सभी को पिछले तीन महीनों से इन फ्लैटों में छिपाकर रखा गया था और इन्हें देश से बाहर अलग-अलग जगहों पर भेजा जाना था। पुलिस ने मौके से पांच एजेंटों को भी गिरफ्तार किया है। छुड़ाई गई महिलाओं की उम्र 21 से 45 वर्ष के बीच बताई जा रही है।
3 महीने से बंधक थीं 30 लड़कियां
पुलिस ने बताया कि नौकरी दिलाने का लालच देकर नेपाल से 30 महिलाओं को तीन महीने पहले इंदिरापुरम के न्याय खंड-2 स्थित सृजन विहार सोसाइटी में लाया गया था। इन महिलाओं को यहां तीन अलग-अलग फ्लैटों में छिपाकर रखा गया था। रविवार को इनमें से दो महिलाएं किसी तरह यहां से भाग निकलीं। दोनों महिलाओं ने दिल्ली में अपने रिश्तेदारों से मिलकर उन्हें सारे मामले की जानकारी दी। इसके बाद मामले की सूचना दिल्ली पुलिस को दी गई और सोमवार शाम को पुलिस की टीम गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने पहुंची।
महिलाओं के साथ फ्लैट में अमानवीय व्यवहार
दोनों महिलाओं को साथ लेकर इंदिरापुरम पुलिस ने दिल्ली पुलिस के साथ सोसाइटी के फ्लैट नंबर सी-5, डी-24 और आई-7 पर शाम करीब 5 बजे छापा मारा। पुलिस को इन तीनों फ्लैटों के अंदर से 28 महिलाएं मिलीं, जिनकी उम्र 21 से 45 साल के बीच थी। पुलिस के पास पहुंची दोनों लड़कियों ने बताया कि इन महिलाओं के साथ फ्लैट में अमानवीय व्यवहार होता था। पुलिस को फ्लैट के अंदर से शराब की बोतलें, सिगरेट के पैकेट आदि भी मिले हैं। आशंका जताई जा रही है कि इन महिलाओं को नशे की लत का शिकार बनाया जाता था। पुलिस ने मौके से इन महिलाओं के अलावा पांच एजेंटों को भी गिरफ्तार किया है।
धारा 370, 371, 342 और देह व्यापार के तहत केस दर्ज
गिरफ्तार एजेंटों के नाम नेपाल निवासी केदारनाथ, रोमियो जोशी, ध्रुव पांडे, विक्रम बहादुर और ज्ञानेंद्र गिरी है। पुलिस का कहना है कि ये एजेंट नौकरी दिलाने का झांसा देकर इन महिलाओं को नेपाल से भारत लाए थे। नेपाल से महिलाओं को सीधे खाड़ी देश नहीं भेजा जा सकता, इसलिए भारत लाने के बाद यहां से इन महिलाओं को खाड़ी देशों में भेजा जाना था। वहां भेजने के लिए इनके दस्तावेज भी तैयार कराये जा रहे थे। एसएसपी का कहना है कि फिलहाल इनसे जिस्मफरोशी कराए जाने की बात सामने नहीं आई है। लड़कियों की काउंसलिग कराई जा रही है। पुलिस ने गिरफ्तार एजेंटों के खिलाफ आईपीसी की धारा 370, 371, 342 और देह व्यापार के तहत केस दर्ज किया है।
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एक लड़की को रखने के पांच हजार रुपए
गाजियाबाद के एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि लड़कियों से पूछताछ में पता चला है कि एजेंट के जरिए इन्हें नेपाल से यहां लाया गया था। एजेंट ने इनसे खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने की बात कही थी। एसएसपी के मुताबिक मुक्त कराई गई लड़कियों में से कुछ लड़कियां पूर्व में भी खाड़ी के देशों में नौकरी कर चुकी हैं। पुलिस के मुताबिक जांच में सामने आया है कि नेपाल का रहने वाला एक व्यक्ति, जो दिल्ली और गाजियाबाद दोनों जगह अपना ठिकाना बनाए हुए है, वह इन लड़कियों का खर्च उठा रहा था। एक लड़की को रखने के लिए वह पांच हजार रुपए लेता था।