मुंहबोले चाचा ने की ढाई साल की मासूम से रेप के बाद हत्या, कोर्ट ने सिर्फ 29 दिनों में सुनाई फांसी की सजा
गाजियाबाद। दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में ढाई साल की मासूम से रेप और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर देने के एक जघन्य मामले में पॉक्सो कोर्ट ने मात्र 29 दिनों में फैसला दिया है। कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा दी है। मामला कवि नगर थाना क्षेत्र के औद्योगिक इलाके का है। यहां 19 अक्टूबर को ढाई साल की एक मासूम बच्ची को उसका मुंहबोला चाचा शराब के नशे में उसके पिता से मिलाने के लिए ले गया था। लेकिन उसने रास्ते में ही उसने बच्ची के साथ रेप किया और गला दबाकर हत्या कर दी। इतना ही नहीं शव को पास के ही नाले में फेंक दिया था।
रात में ही बच्ची के परिजनों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। इस मामले में उन्होंने आरोपी चंदन पर शक जाहिर किया था। कुछ घंटों बाद चंदन को गिरफ्तार कर पुलिस ने उसकी निशानदेही पर शव को नाले से बरामद किया था। गाजियाबाद पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि मासूम बच्ची को अपने कंधे पर बिठाकर ले जाता हुआ चंदन सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुआ था। जोकि इस केस से जुड़ा एक बहुत ही अहम सुराग था, जिसे बाद में सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किया गया।
सजा सुनाते हुए जज ने कही ये बात
पॉक्सो कोर्ट ने महज 29 दिन में मामले की सुनवाई पूरी करते हुए यह एतिहासिक फैसला सुनाया है। इतना ही नहीं विशेष न्यायाधीश महेंद्र श्रीवास्तव ने दोषी पर डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है, जिसमें से आधी राशि मृतका के परिजनों को दी जाएगी। न्यायाधीश महेंद्र श्रीवास्तव फैसला सुनाते हुए कहा कि यदि दोषी को फांसी की सजा नहीं सुनाई गई तो समाज में इससे गलत संदेश जाएगा। आखिर ढाई साल की बच्ची से कोई ऐसी दरिंदगी कैसे कर सकता है? वहीं बच्ची की मां ने कहा कि दिल को तसल्ली तब मिलेगी जब चंदन को उनके सामने फांसी पर लटकाया जाए।
बदला लेने के लिए किया था ऐसा
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि बच्ची की मां ने उसे शराब पीने के लिए डांट दिया था, जिसका बदला लेने के लिए उसने मासूम के साथ दुष्कर्म किया। उधर जिले के डिप्टी एसपी अवनीश कुमार ने कहा "पुलिस की तेज गति से की गई जांच और कोर्ट प्रक्रिया में तेजी के चलते ही आरोपी पर दोष सिद्ध होने में जल्द सफलता मिली है।"
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