54 दिनों से दिल्ली एयरपोर्ट पर रह रहा जर्मन नागरिक, इस वजह से कोई भी मदद करने को नहीं तैयार
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में 17 मई तक लॉकडाउन का ऐलान हो रखा है। इस लॉकडाउन की वजह से लोग अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं। वहीं इस बीच एक दिलचस्प मामला सामने आया है, जहां एक शख्स पिछले 54 दिनों से दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर रह रहा है। सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन ये सच्चाई है। इस शख्स का आपराधिक रिकॉर्ड होने की वजह से उसके देश ने उसकी कस्टडी लेने से इनकार कर दिया। जिस वजह से उसे सामने एयरपोर्ट पर रहने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक जर्मन नागरिक एडगार्ड जियाबात (40) 18 मार्च को हनोई से इंस्ताबुल जा रहा था। इस दौरान उसकी दिल्ली एयरपोर्ट से तुर्की के लिए फ्लाइट थी। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए तुर्की ने अपनी सारी फ्लाइट्स रद्द कर दीं। उसके बाद भारत ने भी अपनी सीमाएं सील करते हुए सारी फ्लाइट्स को रद्द कर दिया। इस बीच एडगार्ड भारत में फंस गया। एयरपोर्ट अधिकारियों ने इस मामले की जानकारी जर्मन दूतावास को दी, लेकिन उसका आपराधिक रिकॉर्ड होने के कारण जर्मनी ने उसे वापस लेने से इनकार कर दिया। वहीं भारत ने भी उसे वीजा नहीं दिया। जिस वजह से पिछले 54 दिनों से जर्मन नागरिक एयरपोर्ट के ट्रांजिट एरिया में रह रहा है।
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चार
अन्य
यात्री
भी
फंसे
रिपोर्ट
के
मुताबिक
चार
अन्य
यात्री
भी
दिल्ली
एयरपोर्ट
पर
फ्लाइट
कैंसिल
होने
की
वजह
से
फंस
गए
थे।
जिसमें
दो
श्रीलंका,
एक
मालदीव
और
एक
फिलिपिंस
के
थे।
एयरपोर्ट
ऑथारिटी
से
जानकारी
मिलते
ही
उनके
दूतावास
ने
उन्हें
जरूरी
मदद
उपलब्ध
करवाई।
वहीं
आपराधिक
रिकॉर्ड
होने
के
चलते
जर्मन
नागरिक
को
ट्रांसिज
एरिया
में
ही
दिन
गुजारना
पड़
रहा
है।