लुफ्थांसा एयरलाइंस ने भारत के लिए फ्लाइट्स को 20 अक्टूबर तक किया कैंसिल
नई दिल्ली। जर्मनी की एयरलाइन लुफ्थांसा ने बुधवार से 20 अक्टूबर तक भारत के लिए अपनी सभी फ्लाइट्स को कैंसिल कर दिया है। लु्फ्थांसा ने पूर्वनियोजित फ्लाइट शेड्यूल को कैंसिल करने के फैसले को एक 'असाधारण बहिष्कार' करार दिया है। एयरलाइन कंपनी का केंद्र सरकार के तहत आने वाली अथारिटीज के रवैये की वजह से फ्लाइट्स को निरस्त करने का फैसला किया गया है।
सरकार के साथ कंपनी का विवाद
मंगलवार को लुफ्थांसा की तरफ से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है, 'लुफ्थांसा ने स्पेशल फ्लाइट्स को जारी रखने के लिए आवदेन किया और उसे सितंबर माह तक फ्लाइट्स को ऑपरेट करने की मंजूरी दी थी। यह आवदेन प्रक्रिया जरूरी थी क्योंकि भारत ने अभी तक जर्मनी की सरकार के उस आमंत्रण को स्वीकार नहीं किया जिसमें दोनों देशों के बीच अस्थायी तौर पर यात्रा समझौते को चर्चा होनी थी।' बयान में आगे कहा गया है, 'भारत सरकार के इनकार के बाद लुफ्थांसा अब 30 सितंबर से 20 अक्टूबर तक भारत और जर्मनी के बीच अपनी सभी फ्लाइट्स को कैंसिल करती है।' इस समय भारत ने 13 देशों के साथ एयर बबल समझौता किया हुआ है। इन देशों में अमेरिका, यूके, यूएई, मालदीव्स, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, कतर, कनाडा, बहरीन, नाइजीरिया, इराक, अफगानिस्तान और जापान शामिल हैं। सरकार इसी तरह के समझौतों के लिए दूसरे कुछ और देशों से बातचीत कर रही है। एयर बबल या ट्रैवेल कॉरिडोर के जरिए यात्रियों को बिना प्रतिबंधों के यात्रा करने की मंजूरी देता है। एयर बबल प्रक्रिया को कोरोना वायरस महामारी के बीच लॉन्च किया गया था।
DGCA ने बताई यह वजह
हालांकि
लुफ्थांसा
की
तरफ
से
यह
अपील
भी
की
गई
है
कि
भारतीय
अथॉरिटीज
जर्मनी
की
सरकार
के
साथ
बातचीत
कर
अस्थायी
यात्रा
समझौते
को
शुरू
करें।
एयरलाइन
का
कहना
है
कि
इस
तरह
का
समझौता
बहुत
जरूरी
है
क्योंकि
यह
भारत
आने
वाले
और
यहां
से
जाने
वाले
हजारों
भारतीयों
और
विदेशी
नागरिकों
की
यात्रा
जरूरतों
पूरा
करता
है
साथ
ही
दोनों
देशों
के
हितों
को
भी
संतुलित
रखता
है।
डायरेक्टोरेट
जनरल
ऑफ
सिविल
एविएशन
(डीजीसीए)
की
तरफ
से
कहा
गया
है
कि
दोनों
देशों
के
बीच
एयर
बबल
समझौता
जुलाई
में
हुआ
था।
उसका
कहना
है
कि
कोरोना
महामारी
के
चलते
अभी
भारतीय
एयरलाइन
कंपनियां
हफ्ते
में
तीन
से
चार
उड़ानों
को
ऑपरेट
कर
रही
हैं,
लेकिन
लुफ्थांसा
ने
एक
ही
हफ्ते
में
20
फ्लाइट्स
ऑपरेट
की
हैं।
सरकार
ने
लुफ्थांसा
की
उड़ानों
को
हर
सप्ताह
सात
तक
सीमित
करने
का
प्रस्ताव
दिया
था।
एयरलाइन
ने
इसे
मानने
से
इनकार
कर
दिया
है।
डीजीसीए
ने
बताया
कि
'भारत
ने
अभी
तक
जर्मनी
की
बात
को
स्वीकार
नहीं
किया
है।
इसके
बाद
लुफ्थांसा
ने
दोनों
देशों
के
बीच
एक
अस्थायी
यात्रा
समझौते
की
स्थापना
करने
के
लिए
केंद्र
सरकार
से
जर्मन
सरकार
के
साथ
मिलकर
काम
करने
का
आग्रह
किया
है।'