जॉर्ज फर्नांडिस: वो रक्षामंत्री, जिसने 18 बार 6600 मीटर ऊंचे सियाचिन ग्लेशियर का दौरा किया
पादरी बनने के लिए घर से निकला शख्स, एक ट्रैक्सी ड्राइवर यूनियन के नेता से देश के रक्षा मंत्री जैसे अहम पद पर पहुंचा।
नई दिल्ली। देश के पूर्व रक्षामंत्री और समाजवादी नेताओं में गिने जाने वाले जॉर्ज फर्नांडिस का निधन हो गया है। फर्नांडिस लंबे समय से अल्जाइमर से परेशान थे। बताया जा रहा है कि उन्हें स्वाइन फ्लू भी हो गया था, जिसके बाद दिल्ली के मैक्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। खराब स्वास्थ्य के चलते 88 वर्षीय जॉर्ज फर्नाडिंस पिछले काफी समय से बिस्तर पर थे। केंद्र में रक्षामंत्री, उद्योग मंत्री और रेल मंत्री के तौर पर अहम जिम्मेदारी संभालने वाले जॉर्ज फर्नांडिस 9 बार लोकसभा के सदस्य के तौर पर चुने गए। रक्षा मंत्री रहते हुए 6600 मीटर ऊंचे सियाचिन ग्लेशियर का 18 बार दौरा करने वाले जॉर्ज फर्नाडिंस की छवि एक विद्रोही स्वभाव के नेता के तौर पर थी।
पादरी बनना चाहते थे जॉर्ज फर्नांडिस
जॉर्ज फर्नांडिस की गिनती देश के एक दिग्गज समाजवादी नेता के तौर पर थी। कर्नाटक के मंगलौर में तीन जून 1930 को जन्मे जॉर्ज फर्नांडिस 6 भाई-बहन थे। मां किंग जॉर्ज पंचम की प्रशंसक थीं, इसलिए बेटे का नाम जॉर्ज फर्नांडिस रखा गया। मंगलौर में ही पले-बढ़े जॉर्ज को 10 भाषाओं का ज्ञान था। हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, मलयाली, कन्नड़, मराठी, उर्दू, तुलु, कोंकणी और लैटिन भाषा पर उनकी अच्छी पकड़ थी। उनके बारे में बताया जाता है कि महज 16 साल की उम्र में ही वो पादरी बनना चाहते थे और इसके लिए शिक्षा लेने भी गए लेकिन बाद में उन्हें ये सब पाखंड नजर लगने लगा और इसके बाद चर्च छोड़कर मुंबई चले गए। यहीं से वो श्रमिक और समाजवादी आंदोलनों से जुड़े।
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देश में बुलाई सबसे बड़ी रेल हड़ताल
मुंबई में श्रमिक आंदोलनों से जुड़ने के बाद जॉर्ज फर्नांडिस धीरे-धीरे टैक्सी ड्राइवर यूनियन के नेता बन गए। इसके बाद उन्होंने राजनीति की तरफ रुख किया और पहली बार 1967 में लोकसभा के लिए चुने गए। जॉर्ज फर्नांडिस ने 1967 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की बॉम्बे साउथ सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता एसके पाटिल को हराया। विरोधी स्वभाव के माने जाने वाले जॉर्ज ने 1971 में लीला कबीर से विवाह किया। इसके बाद वो 1973 में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के अध्यक्ष चुने गए। रेल कर्मचारियों की कुछ मांगों को लेकर जॉर्ज फर्नांडिस ने 8 मई 1974 को देश में एक बड़ी हड़ताल बुलाई। शुरुआत में सरकार ने इस हड़ताल को हल्के में लिया लेकिन देखते ही देखते इस हड़ताल में कई यूनियन के लोग शामिल हो गए और ये उस दौर की सबसे बड़ी रेल हड़ताल साबित हुई। सरकार ने इस हड़ताल को दबाने के लिए करीब 30 हजार लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें जॉर्ज फर्नांडिस भी थे।
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डायनामाइट तस्करी के लगे आरोप
बड़ौदा डायनामाइट केस में जॉर्ज फर्नांडिस समेत कई लोगों पर एक कथित साजिश में रेलवे ट्रैक और सरकारी इमारतों को उड़ाने के लिए डायनामाइट की तस्करी के आरोप लगे। 1977 के लोकसभा चुनाव में जब जॉर्ज फर्नांडिस बिहार की मुजफ्फरपुर सीट से चुनाव जीते, उस समय भी वो जेल में ही थे। उन्हें जनता पार्टी की सरकार में उद्योग मंत्री बनाया गया। बाद में जब जनता पार्टी टूट गई तो जॉर्ज ने अपना नया राजनीतिक दल समता पार्टी बनाई। जॉर्ज और लीला कबीर 1980 में एक दूसरे से अलग हो गए और साल 1984 से जॉर्ज ने जया जेटली से दूसरी शादी की। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वो देश के रक्षा मंत्री बनाए गए। उनके रक्षा मंत्री रहते हुए देश में परमाणु परीक्षण भी किया गया। हालांकि उनके रक्षा मंत्री के कार्यकाल के दौरान ताबूत घोटाला भी काफी सुर्खियों में रहा।
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