जनरल रावत के CDS बनने पर अमेरिका ने कहा-मिलिट्री सहयोग में होगा इजाफा
नई दिल्ली। एक जनवरी 2020 को जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल लेंगे। जनरन रावत के सीडीएस बनने पर अमेरिका की तरफ से भी आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है। अमेरिका ने जनरल रावत को बधाई दी और कहा है कि अब दोनों देशों के बीच मिलिट्री सहयोग बढ़ेगा। सोमवार को आधिकारिक तौर पर जनरल रावत को देश का पहला सीडीएस नियुक्त कर दिया गया।
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अमेरिकी मंत्री ने दी बधाई
भारत में अमेरिकी राजदूत केन जेस्टर ने अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से ट्वीट कर जनरल रावत को बधाई दी। जस्टर ने अपनी ट्वीट में लिखा, 'सेना प्रमुख जनरल रावत को भारत का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनने पर हार्दिक बधाई।' जस्टर के अलावा अमेरिकी विदेश विभाग में दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों की सहायक सचिव एलिस वेल्स ने भी ट्वीट कर रावत को बधाई दी। उनहोंने लिखा, 'जनरल रावत आपको बधाई। यह पद समन्वय बढ़ाने में मदद करेगा। हाल ही में 2+2 डायलॉग में इस पर चर्चा भी की गई थी। इसमें दोनों देशों के सेनाओं के बीच युद्धाभ्यास या सूचनाओं को साझा करना शामिल है।' सरकार ने सेना, वायुसेना और नौसेना के बीच आपसी सामंजस्य कायम करने के मकसद से सीडीएस के पद को औपचारिक मंजूरी दी है। पीएम मोदी ने इस वर्ष 15 अगस्त के मौके पर लाल किले से देश में सीडीएस के पद का ऐलान अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान किया था।
31 दिसंबर 2016 को बने थे आर्मी चीफ
जनरल रावत 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख नियुक्त किए गए थे। तीन साल की सेवा के बाद वह 31 दिसंबर को रिटायर हो गए। बताया जा रहा है कि वह मार्च 2023 तक सीडीएस के पद पर होंगे। सीडीएस, तीनों सेना प्रमुखों से भी ऊपर की रैंक है। सीडीएस की कुर्सी पर आने के बाद जनरल रावत के पास पहली जिम्मेदारी होगी कि वह तीनों सेनाओं के बीच एकीकरण और सेनाओं के बीच आपसी सामंजस्य को कायम करने में ध्यान देंगे। इसके अलावा रक्षा खरीद प्रक्रिया की जिम्मेदारी भी अब जनरल रावत पर होगी। उनका जिम्मा होगा कि वह खरीद प्रक्रिया को जितना छोटा कर सकते हैं, कर दें। सीडीएस की यह जिम्मेदारी भी होगी कि वह सेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुखों को युद्ध या संकट की स्थिति में थियेटर कमांड बनाने की अथॉरिटी दे सके।