सेना प्रमुख बनने के बाद पहली बार कश्मीर जाएंगे जनरल नरवणे, दौरे के पीछे है ये मकसद
नई दिल्ली। भारत के नए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे जल्द ही जम्मू-कश्मीर के अपने पहले दौरे पर जाने वाले हैं। सेना अध्यक्ष बनने के बाद वह पहली बार घाटी जाएंगे और वहां सीमा पर सुरक्षा का जायजा लेंगे। जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को कश्मीर और नियंत्रण रेखा पर चलाए जा रहे अभियानों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी इसके अलावा वह नियंत्रण रेखा पर स्थित सेना चौकियों का भी दौरा करेंगे।
गौरतलब है कि 1 जनवरी को सेना प्रमुख का पदभार संभाला था, उन्होंने पद संभालने के बाद ही पाक अधिकृत कश्मीर पर बड़ा बयान दिया था। पीओके पर बयान देने के बाद कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों ने सेना पर निशाना साधा था। बता दें कि नियंत्रण रेखा पर पिछले कुछ दिनों से लगातार संघर्ष विराम की घटनाएं सामने आ रही हैं। पाकिस्तान की तरफ से सीज फायर का उल्लंघन जारी है। सेना प्रमुख का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि वह नियंत्रण रेखा पर बनीं चौकियों का जायजा भी लेंगे। मालूम हो कि सेना प्रमुख का पद संभालने के बाद नरवाणे का सबसे पहला दैरा सियाचिन का था। वहां उन्होंने अग्रिम चौंकियों का जायजा लिया और सेना का तैयारियों व चौकसी के बारे में सियाचिन ब्रिगेड के कमांडर से जरूरी जानकारियां भी लीं। सियाचिन में सेना प्रमुख ने कहा था कि पूरे भारत को अपनी सेना पर गर्व है।
सरकार
के
सामने
रखा
था
ये
प्रस्ताव
सेना
प्रमुख
जनरल
मनोज
मुकुंद
नरवणे
ने
1965
और
1971
में
हुए
युद्ध
में
शामिल
स्वतंत्रता
सेनानियों
को
पेंशन
देने
की
बात
कही
थी।
सेना
प्रमुख
ने
कहा
कि
जो
जवान
इस
युद्ध
में
शामिल
हुए
थे
उन्हें
पेंशन
दी
जानी
चाहिए।
जनरल
नरवणे
ने
यह
प्रस्ताव
केंद्र
सरकार
के
सामने
रखा
है।
वेटरंस
डे
पर
बोलते
हुए
सेना
प्रमुख
ने
यह
प्रस्ताव
सामने
रखा
था।
उन्होंने
इस
मौके
पर
तमाम
शहीद
परिवारों
को
शुभकानाएं
दी
और
उन्हें
इस
प्रस्ताव
के
बारे
में
जानकारी
दी
थी।
इसके
अलावा
सेना
प्रमुख
ने
कहा
था
कि
2019
में
सेना
ने
246
अधिकारियों,
1500
जेसीओ
को
रिटायरमेंट
के
बाद
नौकरी
हासिल
करने
में
मदद
की
है।