नए CDS नियुक्त होने तक चलेगी पुरानी व्यवस्था, जनरल नरवणे ले सकते हैं बिपिन रावत की जगह
नई दिल्ली, 16 दिसंबर: भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद उनकी जगह खाली हो गई है। जिसके बाद सेना में कुछ समय के लिए फिर से पुरानी व्यवस्था वापस आ गई है। तीन सेवा प्रमुखों में से सबसे वरिष्ठ भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया है। तीनों सेनाओं के बीच तालमेल सुनिश्चित करने का काम अब जनरल एमएम नरवणे करेंगे। सीडीएस के कार्यालय के अस्तित्व में आने से पहले सेना के वरिष्ठ अधिकारी को चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के रूप में चुना जाता था, जो तीनों थल, जल और वायु सेना के बीच तालमेल बनाकर रखता था।

सूत्रों का कहना है कि नए सीडीएस की नियुक्ति तक यह सिर्फ एक स्टॉपगैप व्यवस्था है। जब तक कोई नया चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नहीं मिल जाता, तब तक ये व्यवस्था ऐसे ही चेलगी। एक अधिकारी ने कहा, "यह एक प्रक्रियात्मक कदम है कि सीडीएस की अनुपस्थिति में, वरिष्ठतम प्रमुख चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करते हैं।"
तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत, उनके रक्षा सहायक ब्रिगेडियर एलएस लिडर, स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और दस अन्य लोगों की मौत हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक जनरल नरवणे बिपिन रावत की जगह ले सकते हैं।
चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) के चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ, जो सीडीएस को रिपोर्ट करते थे लेकिन अब वरिष्ठता के आधार पर चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के प्रमुख के रूप में जनरल नरवणे को रिपोर्ट करेंगे। सीडीएस की नियुक्ति से पहले पुरानी व्यवस्था में ठीक यही हुआ करता था।
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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के अलावा, सैन्य मामलों के नव निर्मित विभाग का भी प्रमुख होता है। सैन्य मामलों के विभाग में दूसरा सबसे वरिष्ठ अधिकारी एक अतिरिक्त सचिव, एक तीन सितारा सैन्य अधिकारी है। वर्तमान में, यह पद लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी के पास है। सैन्य मामलों का विभाग संयुक्त योजना और उनकी आवश्यकताओं के एकीकरण के माध्यम से सेवाओं की खरीद, प्रशिक्षण और स्टाफिंग में संयुक्तता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।