गंगा को बचाने के लिए 112 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल का निधन
नई दिल्ली। गंगा को बचाने के लिए 22 जून से अनशन पर बैठे पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल का आज निधन हो गया, वे 86 साल के थे। आईआईटी के प्रोफेसर रहे जीडी अग्रवाल का गंगा को बचाने के लिये ये 5वां उपवास था। जीडी अग्रवाल केंद्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के पहले सदस्य सचिव रह चुके थे और गंगा को बचाने के लिए काफी लम्बे समय से संघर्ष कर रहे थे।
उत्तराखंड सरकार ने उनसे अनशन खत्म करने के लिए कहा था लेकिन वे नहीं तैयार हुए। प्रो. जीडी अग्रवाल द्वारा जल त्यागने के अगले ही दिन बुधवार दोपहर को प्रशासन ने उन्हें जबरन ले जाकर ऋषिकेश स्थित एम्स अस्पताल में भर्ती कराया था। जीडी अग्रवाल को स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद के नाम से भी जाना जाता रहा। वे सरकार की अनशन खत्म कराने की कोशिशों को मानने को तैयार नहीं थे और गंगा को बचाने के लिए अपनी लड़ाई लड़ते रहे।
इसके पहले, साल 2011 में मातृसदन के एक संत निगमानंद की गंगा के लिये अनशन करने के दौरान मृत्यु हो गई थी जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था। वे गंगा संरक्षण के लिए सरकार द्वारा बनाए जाने वाले कानून के सख्त खिलाफ थे। उनका कहना था कि ये कानून मंत्रियों और नौकरशाहों के हाथों का खिलौना बन जाएगा और गंगा अपने वास्तविक रूप को खो देगी।