अनाथालय में पले गाजी अब्दुल्ला ने पहली ही बार में निकाली कश्मीर प्रशासनिक परीक्षा, जानिए मेहनत और संघर्ष की पूरी कहानी
श्रीनगर। कहते हैं अगर किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो मिलता जरूर है। इसका जीता जागता उदाहरण जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सामने आया है। यहां के रहने वाले गाजी अब्दुल्ला ने अपनी कड़ी मेहनत और शिद्दत से मुश्किल परिस्थितियों का सामना करते हुए कश्मीर प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 46वां रैंक हासिल किया। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि गाजी अब्दुल्ला का बचपन अनाथालय में गुजरा। उन्होंने अपपी पढ़ाई वहीं से शुरू की। अब वो जम्मू-कश्मीर ही नहीं देश के उन युवाओं के लिए मिसाल बन गए हैं जो प्रशासनिक सेवा के सपने देखते हैं।
ढ़ाई साल की उम्र में पिता का हुआ निधन
गाजी अब्दुल्ला ने अपनी जिंदगी में कई बुरे हालातों से गुजरना पड़ा है। वह जब सिर्फ ढ़ाई साल के थे तो उन्होंने अपने पिता को खो दिया और उसके बाद से वह श्रीनगर के एक अनाथालय में रहे और वहीं उनका बचपन गुजरा। लेकिन इन तमाम मुश्किल परिस्थितियों का सामना करते हुए भी वह कश्मीर प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 46वीं रैंक हासिल करने में कामयाब रहे। वो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में स्नातकोत्तर किया था।
गाजी अब्दुल्ला ने कामयाबी का श्रेय मां को दिया
गाजी अब्दुल्ला ने अपनी इस कामयाबी पर कहा- "अनाथालय में रहने से मेरे अंदर अनुशासन पैदा हुआ। मेरी सफलता का श्रेय मेरी मां को जाता है।" अब्दुल्ला ने कहा कि मेरी मां अशिक्षित थीं, वह एक अच्छी शिक्षा और कड़ी मेहनत के महत्व को जानती थीं। अब्दुल्ला ने कहा कि मैंने कभी भी परीक्षाओं के लिए कोई कोचिंग नहीं ली। उन्होंने बताया कि उन्हें सेकेंड हैंड बुक्स और इंटरनेट पर उपलब्ध मुफ्त शैक्षणिक सामग्री से काफी मदद मिली है।
परीक्षा की तैयारी पर गाजी अब्दुल्ला ने कही ये बात
गाजी ने बताया कि मैंने बहुत ही बुनियादी स्तर से तैयारी शुरू की। मैं NCERT की किताबों और बाद में कुछ मानक सिविल सेवा की किताबों पर भरोसा किया। इसके साथ ही, मैं एक आदिवासी छात्रावास में रहने वाले छात्रों से मिलने के लिए शाम को लगभग आदिवासी छात्रावास में जाता था। आपको बता दें कि जम्मू और कश्मीर प्रशासनिक सेवा जम्मू और कश्मीर राज्य की सिविल सेवा है। इस पद के लिए अधिकारियों को जम्मू और कश्मीर लोक सेवा आयोग द्वारा एक परीक्षा के माध्यम से भर्ती किया जाता है, जिसे जेकेएएस परीक्षा के रूप में जाना जाता है।
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