भीमा कोरेगांव हिंसा: गौतम नवलखा ने NIA के सामने किया सरेंडर
नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में एक्टिविस्ट गौतम नवलखा ने मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सामने सरेंडर कर दिया। गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे ने सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण के लिए और समय मांगा था। उनकी मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने उनको सरेंडर करने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया था। एनआईए कोर्ट ने तेलतुंबडे को 5 दिन की कस्टडी में भेज दिया है।
साथ ही कोर्ट ने कहा था कि इसके आगे कोई और राहत नहीं मिलेगी। गौतम नवलखा के वकील ने कोर्ट में कोरोना वायरस के चलते पैदा हुए हालातों को लेकर समय मांगा था। उनकी तरफ से मामले की पैरवी कर रहे वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि उनके दोनों मुवक्किलों की उम्र 65 वर्ष से अधिक है और उन्हें दिल की बीमारी भी है। ऐसे समय में जब अन्य जेलों से कैदी निकाले जा रहे हैं इस दौरान इन दोनों के जेल जाने की सजा वास्तव में मौत की सजा है।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने 16 मार्च को इन कार्यकर्ताओं की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुये कहा था कि यह नहीं कहा जा सकता कि उनके खिलाफ पहली नजर में कोई मामला नहीं बना है। पुणे पुलिस ने 1 जनवरी, 2018 को भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले में माओवादियों से संबंध होने और अन्य आरोपों में यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है।
बता दें कि 1 जनवरी, 2018 को भीमा कोरेगांव में हिंसा के मामले में गौतम नवलख, आनंद तेलतुंबडे और कई अन्य के खिलाफ पुणे पुलिस ने केस दर्ज किया था। इस सभी लोगों पर माओवादियों से संबंध होने के आरोप हैं। पुणे पुलिस के मुताबिक, 31 दिसंबर, 2017 को यलगार परिषद के सम्मेलन में भड़काऊ भाषणों ने अगले दिन भीमा कोरेगांव में जातिगत हिंसा भड़काई थी। इस मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी गई है।