कश्मीर पर बौखलाए अफरीदी को गंभीर ने दिया जवाब, 'PoK का भी हल निकालेंगे बेटा'
कश्मीर के मुद्दे पर भड़के शाहिद अफरीदी, तो गौतम गंभीर ने दिया ये तगड़ा जवाब
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। इस मामले को लेकर मंगलवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संसद के दोनों सदनों का संयुक्त सत्र बुलाया, जिसमें विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। वहीं, पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने भी ट्वीट कर जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का विरोध किया। शाहिद अफरीदी ने अपने ट्वीट में यूनाइटेड नेशन से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। अब पूर्व भारतीय क्रिकेटर और पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद गौतम गंभीर ने कटाक्ष करते हुए शाहिद अफरीदी को जवाब दिया है।
'चिंता मत करो, हम इसका भी हल निकालेंगे बेटे'
शाहिद अफरीदी के ट्वीट पर पलटवार करते हुए गौतम गंभीर ने ट्वीट कर कहा, 'दोस्तों शाहिद अफरीदी एक बार फिर हाजिर हैं। वहां ‘बिना कारण आक्रामकता' है, वहां ‘मानवता के खिलाफ अपराध' है। इस बात को बताने के लिए उनकी सराहना की जानी चाहिए, वो बिल्कुल ठीक कह रहे हैं, लेकिन वो बस इतना बताना भूल गए कि यह सब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हो रहा है। चिंता मत करो, हम इसका भी हल निकालेंगे बेटे!!!'
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शाहिद अफरीदी ने क्या कहा था?
आपको बता दें कि इससे पहले जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के फैसले के बाद शाहिद अफरीदी ने ट्वीट करते हुए कहा था, 'संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के अनुसार कश्मीरियों को उनके उचित अधिकार दिए जाने चाहिए। हम सभी की तरह आजादी से जीने का हक मिलना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र का गठन क्यों किया गया और वो अब सो क्यों रहा है? कश्मीर में मानवता के खिलाफ हो रही अकारण आक्रामकता और अपराधों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मध्यस्थता के लिए अपनी भूमिका निभानी चाहिए।' शाहिद अफरीदी ने अपने इस ट्वीट में यूनाइटेड नेशन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी टैग किया।
जम्मू कश्मीर से हटी धारा 370
आपको बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का प्रस्ताव पेश किया था। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब यह कानून राज्य से हट गया है और जम्मू-कश्मीर राज्य को मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो चुका है। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को विधानसभा वाले केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा मिल गया है, वहीं लद्दाख भी जम्मू-कश्मीर से अलग होकर बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। दरअसल, आर्टिकल 370 जम्मू कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा देता था, जिसके तहत केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर को लेकर कोई बड़ा फैसला नहीं ले सकती थी। इस फैसले के बाद अब कोई भी भारतीय, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में संपत्ति खरीद सकेगा। यानी राज्य में संपत्ति खरीदने से रोकने वाले भेदभावपूर्ण प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया है।
कोई भी नागरिक खरीद सकेगा घाटी में जमीन
इस फैसले का सीधा मतलब है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार मिलेगा भले ही वो एक ऐसे व्यक्ति से शादी करने का फैसला करें जो जम्मू और कश्मीर का रहने वाला नहीं है। इसके अलावा, विस्थापित कश्मीरी पंडित अब अपने वतन लौटने, अपना घर और दुकानें खरीदने के सपने को साकार कर सकते हैं। धारा 370 पर फैसले के बाद भारत में रहने वाला कोई भी नागरिक अगर चाहे तो जम्मू-कश्मीर में घर, प्लॉट, खेती की जमीन, दुकान आदि को खरीद सकेगा। नई व्यवस्था के लागू होने के बाद राज्य के अंदर प्रॉपर्टी के रेट बढ़ेंगे और रियल इस्टेट बाजार में भी तेजी देखने को मिलेगी। पहले केवल राज्य का निवासी ही संपत्ति को खरीद सकता था और भारतीयों को संपत्ति खरीदने पर रोक थी। ऐसी स्थिति के कारण कश्मीर के लोगों को नौकरियों का नुकसान हुआ।
भाजपा विधायक ने शुरू की प्रक्रिया
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक ने कश्मीर में जमीन खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। गोरखपुर जिले की गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, 'जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के फैसले से देश में एक नए युग की शुरुआत हुई है। मैंने कश्मीर में जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और कश्मीर में अपने कुछ जानने वाले लोगों से इस बारे में बात भी की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कदम ऐतिहासिक है और हमारे शहीद जवानों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है।'
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