कलबुर्गी की तरह गौरी लंकेश के सिर में गोली मारने का था आदेश- SIT
नई दिल्ली। कर्नाटक में पत्रकार गौरी लंकेश हत्या के मामले में एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। हत्या के मुख्य आरोपी परशुराम वाघमारे जिसने कर्नाटक-महाराष्ट्र के बॉर्डर के पास जंगल में शूटिंग की ट्रेनिंग ली थी उसे निर्देश दिया गया था कि वह एमएम कलबुर्गी की तरह गौरी लंकेश सके सिर में गोली मारे। आपको बता दें कि गौरी लंकेश को बेंगलुरू में उनके घर पर 5 सितंबर 2017 को गोली मार दी गई थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी।
आरोपी ने किए कई खुलासे
गौरी लंकेश हत्या मामले में वाघमारे ने स्पेशल इन्वेस्टिगेंटिंग टीम को तमाम जानकारी मुहैया कराई है, पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि लंकेश की हत्या के तार 30 अगस्त 2015 को एमएम कलबुर्गी की हत्या से जुड़े हैं। कलबुर्गी की हत्या के पीछे जो संगठन है, उसी संगठन के इशारे पर गौरी लंकेश की हत्या की गई है। हालांकि पुलिस अभी तक इस हत्या की गुत्थी को पूरी तरह से सुलझा नहीं पाई है। जांच में यह बात सामने आई है कि वाघमारे को जिस व्यक्ति ने ट्रेनिंग दी थी वह और उसके सहयोगी कलबुर्गी की हत्या से जु़ड़े हैं। फॉरेंसिक टीम में भी यह बात सामने आई है कि एक ही संगठन दोनों हत्याओं के पीछे है।
एक ही मेड की पिस्टल से हुई हत्या
कर्नाटक फॉरेंसिक टीम की फॉरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार बैलिस्टिक विश्लेषण में इस बात के सबूत मिले हैं जिसके अनुसार दोनों हत्याओं के तार एक दूसरे से जुड़े हैं। पुलिस ने इस मामले में जो प्राथमिक चार्जशीट दायर की है उसके अनुसार कलबुर्गी और लंकेश की एक ही गन 7.65 एमएम से हत्या की गई है। कलबुर्गी की भी उनके घर धारवाड़ पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कलबुर्गी को हत्यारों ने गनप्वाइंट पर गोली मारी थी।
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वाघमारे ने ही की हत्या
वहीं गौरी लंकेश के घर में अज्ञात हमलावरों ने ताबड़तोड़ चार गोलियां चलाई, जिसके बाद जैसे ही गौरी लंकेश ने घर का गेट खोला तो उन्हें प्वाइंट ब्लैंक से हमलावरों ने गोली मार दी। एसआईटी ने वाघमारे को अपनी चार्जशीट में मुख्य आरोपी बनाया है। एसआईटी के अनुसार वाघमारे ही हेलमेट पहनकर गौरी लंकेश के घर पर हमला करने के लिए पहुंचा था, जबकि उसके साथ उसका दूसरा साधी गणेश मिसकिन भी था, जोकि घर से बाहर बाइक पर वाघमारे का इंतजार कर रहा था।
ऐसे चल रही थी ट्रेनिंग
एसआईटी के अनुसार वाघमारे और मिसकिन ने एक साथ हथियार चलाने की ट्रेनिंग हासिल की थी। जो तीसरा व्यक्ति इस ट्रेनिंग में शामिल था उसका नाम राजेश बंगेरा है, जोकि सरकारी कर्मचारी है और उसके पास दो लाइसेंसी पिस्टल हैं। राजेश इन लोगों को ट्रेनिंग देने वाला मुख्य ट्रेनर है और युवाओं को कट्टर हिंदू संगठन में शामिल करवाता है। वहीं अमोल काले जोकि पुणे में हिंदू जनजागृति समिति को चलाता है वह भी युवाओं को इस ग्रुप में शामिल कराता है।
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