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मालेगांव धमाकों के आरोपियों का गौरी लंकेश हत्याकांड से कोई लिंक नहीं- SIT

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नई दिल्ली। पत्रकार गौरी लंकेश हत्या मामले की जांच कर रही कर्नाटक पुलिस की एसाईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि मालेगांव ब्लास्ट के आरोपियों का गौरी लंकेश की हत्या से कोई लिंक नहीं है। एसआईटी का कहना है कि अभिनव भारत का संदिग्ध लापता आरोपी का गौरी लंकेश की हत्या से कोई भी संबंध नहीं है। चार्जशीट में कहा गया है कि उसे साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, अभिनव भारत का गौरी लंकेश की हत्या के पीछे कोई लिंक नहीं मिला है। इस तरह का कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह साबित हो कि गौरी लंकेश की हत्या के पीछे मालेगांव ब्लास्ट के आरोपियों का कोई हाथ है।

Gauri Lankesh Murder case has no link with Malegaon blast suspects says SIT. कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने मालेगांव ब्लास्ट और गौरी लंकेश हत्याकांड का कोई लिंक नहीं, चार्जशीट में दोनों का लिंक होने से इनकार।

लेकिन गौरी लंकेश हत्याकांड के तीन आरोपियों के बयान और चार चश्मदीदों के बयान का विश्लेषण करें तो कुछ और ही निष्कर्ष सामने आता है। एसआईटी ने बेंगलुरू कोर्ट में जो सप्लिमेंटरी चार्जशीट दायर की है उसमे कहा गया है कि गौरी लंकेश की हत्या के मामले में आरोपी संगठन के लोग बाहर से आए थे और उन्होंने अलग-अलग जगहों पर बम बनाने की ट्रेनिंग दी थी।

हालांकि इन लोगों की पहचान नहीं हो सकी, जिन्होंने बम बनाने की ट्रेनिंग दी थी। इन आरोपियों के उपनाम ही सामने आ सके हैं। इसमे से एक का नाम बाबाजी सर उर्फ बड़े बाबाजी का नाम सामने आया है। इसे गुजरात एटीएएस सने 25 नवंबर 2018 को गिरफ्तार किया था। कर्नाटक पुलिस के सूत्रों की मानें तो बाबाजी की पहचान सुरेश नायर के रुप में हुई थी, जोकि अभिनव भारत संस्था का सदस्य था, उसपर 2007 में अजमेर धमाका कराने का आरोप है।

सूत्र के अनुसार सुरेश नायर की गिरफ्तारी के बाद तीन अन्य बम बनाने वाले एक्सपर्ट की पहचान हुई, जिनके तार सनातन संस्था से जुड़े थे, उनके नाम रामजी कालसंगरा, संदीप डांगे, अमित चौहान उर्फ हक्का था। कलासांगरे और डांगे साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के साथ मालेगांव धमाके का आरोपी है। फिलहाल साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भारतीय जनता पार्टी की भोपाल से उम्मीदवार हैं और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को चुनौती दे रही हैं। हालांकि एसआईटी ने अपनी चार्जशीट में अभिनव भारत और सनातन संस्था के आपस में जुड़े होने की बात नहीं कही है, लेकिन कई बार बम बनाने की ट्रेनिंग देने वालों का जिक्र किया गया है। चार्जशीट में कहा गया है कि 2010 से 2017 के बीच 19 ट्रेनिंग कैंप चलाए गए, जिसमे बम बनाने की ट्रेनिंग दी गई।

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English summary
Gauri Lankesh Murder case has no link with Malegaon blast suspects says SIT.
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