गौरी लंकेश वाली हिट लिस्ट, गिरीश कर्नाड और अन्य नाम
पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से जुड़े पहलुओं की जांच करने के लिए बनाए गए विशेष जांच दल ने हिंदुत्ववादी ताकतों की आलोचना करने वाले छह से ज़्यादा लेखकों, एक विशप और तर्कवादियों की सुरक्षा बढ़ाए जाने की अनुशंसा की है.
विशेष जांच दल के मुताबिक़, इन आलोचकों के घरों पर सीसीटीवी कैमरे और चार सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाने चाहिए.
दरअसल, ये विशेष जांच दल जब गौरी लंकेश हत्याकांड के संदिग्ध अमोल काले को पकड़ने के लिए छापे मार रही थी तब उसे एक हिट लिस्ट मिली जिस पर हाथ से कई नाम लिखे थे.
पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से जुड़े पहलुओं की जांच करने के लिए बनाए गए विशेष जांच दल ने हिंदुत्ववादी ताकतों की आलोचना करने वाले छह से ज़्यादा लेखकों, एक विशप और तर्कवादियों की सुरक्षा बढ़ाए जाने की अनुशंसा की है.
विशेष जांच दल के मुताबिक़, इन आलोचकों के घरों पर सीसीटीवी कैमरे और चार सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाने चाहिए.
दरअसल, ये विशेष जांच दल जब गौरी लंकेश हत्याकांड के संदिग्ध अमोल काले को पकड़ने के लिए छापे मार रही थी तब उसे एक हिट लिस्ट मिली जिस पर हाथ से कई नाम लिखे थे. इन नामों में गौरी लंकेश का नाम दूसरे नंबर पर लिखा हुआ था.
इसके बाद जांच दल ने पुणे के रहने वाले अमोल काले, गोवा के अमित दगवेकर और कर्नाटक, विजयपुरा के मनोहर इदेव और परशुराम वाघमोरे (जिसने कथित रूप से गौरी लंकेश पर गोली चलाई थी) को गिरफ़्तार कर लिया है.
ये सभी लोग सनातन संस्था और हिंदू जनजागृति समिति के सदस्य हैं.
वाघमोरे इससे पहले विजयपुरा में एक सार्वजनिक स्थान पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए पाकिस्तानी झंडा भी फहरा चुके हैं.
इस मामले पर भी अभी कोर्ट में मामला चल रहा है.
हिट लिस्ट में 8 नाम शामिल
जांच दल को मिली इस लिस्ट में कुल 8 नाम शामिल हैं जिनमें एक्टर गिरीश कर्नाड, तर्कवादी के एस भगवान, नरेंद्र नायक, सी एस द्वारानाथ, निदुमामिदी मठ, विशप वीरभद्र चन्नामाला स्वामी जी जैसे लोगों के नाम शामिल हैं.
एक पुलिस अधिकारी ने नाम गुप्त रखे जाने की शर्त पर बीबीसी को बताया, "इसमें प्रक्रिया ये है कि एसआईटी की रिपोर्ट राज्य ख़ुफ़िया विभाग को भेजी जाएगी जो कि ये सुनिश्चित करेगा कि जो लोग निशाने पर हैं, उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए."
एक अन्य अधिकारी ने भी नाम न बताने की शर्त पर बात करते हुए ये बताने से इनकार किया कि हिट लिस्ट में लिखे हुए नामों की संख्या 10 से कम थी या उससे ज़्यादा.
हिंदू प्रतीकों पर टिप्पणी करके विवादों में आने वाले आलोचक के एस भगवान ने बीबीसी को बताया, "मुझे बताया गया था कि दो और बंदूकधारी आएंगे. इससे पिछली सरकार ने दो बंदूकधारी उपलब्ध कराए थे. वो मेरे साथ बीते तीन सालों से थे."
निदुमामिदी मठ के स्वामी वीरभद्र चन्नामला को लिंगायत मठ के सबसे प्रगतिवादी संत में से एक गिना जाता है.
चन्नामला ने इस मुद्दे पर बीबीसी को बताया, "इससे पहले भी जब ऐसी स्थिति सामने आने आई है तो मुझे सुरक्षा दी गई है. मैं इस समय इससे ज़्यादा कुछ और नहीं कहना चाहता क्योंकि मैं लोकप्रियता हासिल नहीं करना चाहता."
'हत्या करने वाले शर्मिंदा होंगे'
भगवान और स्वामी जी दोनों हिंदुत्ववादी ताकतों की आलोचना कर चुके हैं.
भगवान बताते हैं, "मैंने जो भी लिखा है उसमें से इन लोगों ने कुछ भी नहीं पढ़ा है. इन्होंने हिंदू धर्म को नहीं समझा है. उनके लिए ये ब्राह्मणवादी धर्म है. और वे सोचते हैं शूद्र ब्राह्मणों के दास हैं. बिना कुछ समझे हुए वो अब लोगों को मारने के लिए घूम रहे हैं जो कि संविधान के ख़िलाफ़ है."
"संविधान स्पष्ट रूप से कहता है कि भारत के प्रत्येक नागरिक का ये कर्तव्य होना चाहिए कि वो वैज्ञानिक जांच, तार्किकता और मानवता को बढ़ावा दे. हम सिर्फ़ अपने अधिकारों की बात करते हैं, लेकिन अपने कर्तव्यों के बारे में बात नहीं करते. एक बार वे ये बात समझ जाएंगे तो नवीन कुमार (गौरी लंकेश हत्याकांड में पहला अभियुक्त) अपने किए पर शर्मिंदा होंगे."
पत्रकार और समाजसेवी गौरी लंकेश को 5 सितंबर 2017 को उनके घर के दरवाजे पर प्वॉइंट ब्लांक रेंज से गोली मार दी गई थी. एसआईटी ने कोर्ट को बताया है कि गौरी लंकेश की हत्या में जो हथियार इस्तेमाल किया गया था वो वही हथियार था जिससे दो साल पहले कलबुर्गी की हत्या की गई थी.
डॉक्टर कलबुर्गी वीरशैव लिंगायतों में वैदिक प्रभाव और रीतिरिवाजों के ख़िलाफ़ अभियान चला रहे थे.
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