मिराज क्रैश में शहीद IAF पायलट की पत्नी गरिमा अबरोल पहनेंगी यूनिफॉर्म, जनवरी 2020 में बनेंगी वायुसैनिक
नई दिल्ली। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के शहीद पायलट स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल की पत्नी गरिमा अबरोल जनवरी 2020 में आईएएफ का हिस्सा बनेंगी। पति की शहादत गरिमा के हौंसलों को कमजोर नहीं कर सकी बल्कि दोगुनी शक्ति के साथ उन्होंने वायुसेना को ज्वॉइन करने का मन बनाया। स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल इस वर्ष एक फरवरी को बेंगलुरु में हुए मिराज क्रैश में शहीद हो गए थे। जो मिराज क्रैश हुआ था, वह हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) में अपग्रेड होने के लिए आया था।
एयरफोर्स एकेडमी के पास भेजा गया प्रस्ताव
गरिमा के नाम का प्रस्ताव एयरफोर्स एकेडमी के पास भेजा गया है। उनके नाम को प्रपोजल एयरफोर्स सेलेक्शन बोर्ड, वाराणसी की तरफ से किया गया है और अब वह जनवाी 2020 में एयरफोर्स में शामिल होंगी। गरिमा के मुताबिक जो यूनिफॉर्म समीर पहनते थे, उसे पहनना उन्हें आगे बढ़ने के लिए हर दिन प्रेरित करेगा। समीर जिस जेट को उड़ा रहे थे, वह फाइटर जेट टेस्टिंग पर था। गरिमा, उन तमाम महिलाओं के लिए आदर्श बन चुकी हैं जो अक्सर अपनी तकलीफ की वजह से खुद को आगे बढ़ने से रोक देती हैं।
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इमोशनल कर देने वाली आखिरी पोस्ट
स्क्वाड्रन लीडर समीर के शहीद होने के बाद गरिमा ने आखिरी बार इंस्टाग्राम पर कुछ पोस्ट किया था। उनकी उस पोस्ट में लिखा था, 'मेरे आंसू अभी सूखे नहीं है और रोज अपने पति को एक कप चाय के साथ देश की सेवा के लिए भेजना और अपनी सिर ऊंचा रखना मुझे बहुत अच्छा लगता था।'
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मीडिया भी भूला देती है शहीद को
गरिमा ने अपनी इस पोस्ट में यह भी लिखा था कि किसी भी सैनिक के शहीद होने के बाद उसके परिवार के अलावा और कोई भी नहीं रोता है। यह शहादत आपको सेलिब्रिटी नहीं बनाती है। मीडिया भी सिर्फ एक दिन के लिए ही कवरेज देता है और फिर वह सब-कुछ भूल जाता है। यह भी भूला दिया जाता है कि एक फाइटर पायलट बनने में जिंदगी के 10 साल निकल जाते हैं।
साल 2015 में हुई गरिमा से शादी
साल 2015 में गरिमा की शादी स्क्वाड्रन लीडर समीर से हुई थी। पंजाब के जालंधर की रहने वाली गरिमा पेशे से एक फिजियोथेरेपिस्ट हैं और बेंगलुरु में रहती हैं। समीर के भाई ने घटना के बाद कहा था कि समीर हमेशा गरिमा को अपना नाम खुद बनाने के लिए प्रेरित करते रहते थे। फिजियो होने के अलावा गरिमा एक जुम्बा इंस्ट्रक्टर भी हैं।