Vikas Dubey Encounter: जिसका शक था वो ही हुआ, अब सच कभी नहीं आ पाएगा सामने: दिग्विजय सिंह
लखनऊ। 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे आज सुबह एनकाउंटर में मारा गया है, उसके मारे जाने की पुष्टि पुलिस ने भी कर दी है, इस एनकाउंटर में चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, लेकिन राजनेताओं ने इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े कर दिए हैं, विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिसका शक था वह हो गया, विकास दुबे का किन किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा, पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है, लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है?
मालूम हो कि आज सुबह कानपुर ला रही एसटीएफ के काफिले की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, इस गाड़ी में विकास दुबे भी था, हादसा कानपुर टोल प्लाजा से 25 किलोमीटर दूर हुआ, ऐसा कहा जा रहा है कि तेज बारिश और गाड़ी की रफ्तार तेज होने की वजह से गाड़ी पलट गई, मीडिया की नजर से विकास दुबे को बचाने के लिए गाड़ी की रफ्तार काफी तेज थी, जिसकी वजह से ये हादसा हुआ।
कानपुर
पश्चिम
के
एसपी
ने
दिया
ये
बयान
जबकि विकास दुबे के एनकाउंटर के बारे में बात करते हुए कानपुर पश्चिम के एसपी ने बताया कि विकास दुबे को जब लाया जा रहा था तब गाड़ी पलट गई, इसमें जो पुलिसकर्मी घायल हुए उसने उनका पिस्टल छीनने की कोशिश की, पुलिस ने उसे चारों तरफ से घेर कर आत्मसमर्पण कराने की कोशिश की जिसमें उसने जवाबी फायरिंग की, आत्मरक्षा में पुलिस ने भी फायरिंग की। जिसके बाद उसे कानपुर के अस्पताल लाया गया और चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
यह पता लगाना आवश्यक है विकास दुबे ने मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर को सरेंडर के लिए क्यों चुना? मध्यप्रदेश के कौन से प्रभावशाली व्यक्ति के भरोसे वो यहाँ उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने आया था?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 10, 2020
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