Ganesh Chaturthi 2020: कोरोना संकट के बीच कर्नाटक सरकार ने जारी की गणेश चतुर्थी को लेकर गाइडलाइन
बेंगलुरु। कोरोना संकट के बीच कर्नाटक सरकार ने गणेश चतुर्थी उत्सव के लिए सभी सार्वजनिक आयोजनों/ पंडालों पर प्रतिबंध लगाने के अपने पहले फैसले में बड़ा बदलाव करते हुए गाइडलाइन जारी की है,सरकार ने अब सभी सार्वजनिक पंडालों को प्रतिबंधित तरीके से सजाए जाने की अनुमति दे दी है, सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक प्रत्येक वार्ड में केवल एक मूर्ति स्थापित की जाएगी और मूर्ति 4 फीट से अधिक लंबी नहीं होनी चाहिए।
'गणेश चतुर्थी' को लेकर गाइडलाइन
- जबकि घर पर स्थापित मूर्तियों की लंबाई केवल 2 फुट होगी और सभी लोगों को विसर्जन भी घर पर ही करना होगा।
- यही नहीं सार्वजनिक स्थानों (सरकारी/ सार्वजनिक/ निजी स्वामित्व वाले मैदान, सड़क और चौक) के आयोजन में 20 से अधिक लोग नहीं होने चाहिए।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुमति नहीं है।
- भक्तों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क पहनना पड़ेगा और सभी सामाजिक दूरियों के मानदंडों का सख्ती से पालन करना होगा।
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हिंदूवादी संगठन उठा रहे थे सवाल
आपको बता दें कि कर्नाटक में गणेश उत्सव पर बैन लगाने को लेकर कई संगठन विरोध कर रहे थे, प्रमोद मुथालिक की अगुआई वाले राम सेना जैसे हिंदूवादी संगठनों का कहना था कि सरकार जिसने बार और शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दे दी है, वह गणेश की मूर्तियों की सार्वजनिक स्थापना की अनुमति क्यों नहीं दे सकती है, फिलहाल अब सरकार ने नए दिशा-निर्देशों के साथ गणपति के स्थापना की परमिशन दे दी है।
22 अगस्त को है 'गणेश चतुर्थी'
आपको बता दें कि दस दिनी गणेशोत्सव की शुरुआत भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि पर यानी कि 22 अगस्त दिन शनिवार से हो रही है। इस वर्ष मंगल कार्य में विघ्न डालने वाली शनि की बहन भद्रा के बीच हस्त नक्षत्र में विघ्नहर्ता श्री गणेश घर-घर में विराजेंगे। इस मौके पर साध्य योग रहेगा।
चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ
गौरतलब है कि पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। शिवपुराण में भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को मंगलमूर्ति गणेश की अवतरण-तिथि बताया गया है जबकि गणेशपुराण के मत से यह गणेशावतार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को हुआ था।
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