पीएम मोदी के लद्दाख दौरे पर बोलीं गलवान में शहीद संतोष बाबू की पत्नी, जो भी हो हमें जीतना है
नई दिल्ली। चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लद्दाख पहुंचे और सेना के जवानों के साथ मुलाकात की है। 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प के 23 दिन बाद मोदी लद्दाख गए हैं। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे, जिसमें कमांडिंग अफसर कर्नल बी संतोष बाबू शामिल थे। पीएम के लद्दाख जाने पर शहीद संतोष बाबू की पत्नी ने कहा है कि चाहे जो लेकिन हमें जीतक ही आना होगा। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि युद्ध से किसी का भला नहीं होता है।
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सेना का हौंसला बढ़ेगा
शहीद की पत्नी ने आजतक न्यूज चैनल से कहा, हमारे देश की सेना बहुत बहादुर है और आज पीएम नरेंद्र मोदी भी उनसे मिलने पहुंचे है। इससे जवानों को हौसला मिलेगा और सरहद की रक्षा के लिए कोई भी कदम उठाने का साहस मिलेगा। मैं मोदीजी से बोलना चाहती हूं, जो भी हो हमें जीत कर वापस आना है। शहीद संतोष बाबू के रिश्तेदार ने कहा, एलएसी पर तनाव खत्म करने की कोशिश होनी चाहिए। कि दोनों देशों के लिए युद्ध ठीक नहीं है, लेकिन हम अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं कर सकते हैं। हमें कर्नल संतोष बाबू समेत सभी जवानों की शहादत को नहीं भूलना चाहिए।
अचानक लेह पहुंचे मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अचानक लेह पहुंचे और जवानों से मुलाकात की। मोदी सुबह अचानक करीब साढ़े नौ बजे दिल्ली से लेह पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अफसरों से सीमा की स्थिति का जायजा लिया। वे मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती जख्मी सैनिकों से भी मिले। मोदी ने लद्दाख स्थित नीमू बेस पर थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की। मोदी ने नीमू में करीब आधे घंटे तक जवानों से बातचीत की। यह जगह गलवान घाटी से करीब 250 किमी दूर है। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ एमएम नरवणे भी थे। मोदी के इस दौरे के बारे में पहले से मीडिया में जानकारी नहीं थी।
भारत चीन में चल रहा तनाव
भारत और चीन की सेनाओं के बीच करीब दो महीने से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव बना हुआ है। 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी। इसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और 50 से ज्यादा घायल हुए थे। कई दौर की बातचीत दोनों देशों के बीच तनाव कम करने को लेकर हो चुकी है लेकिन कोई समाधान निकलता अभी नहीं दिखा है। कई दफा दोनों देश बातचीत से हल निकालने की बात जरूर कह चुके हैं लेकिन लगातार वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन और भारत की ओर से सैनिकों की संख्या बढ़ाए जाने की ही खबरे आती रही हैं।
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