गाजा तूफान ने छीना हजारों पक्षियों का आशियाना, अभ्यारण्य छोड़कर उड़ गए 90 फीसदी पक्षी
चक्रवाती तूफान गाजा की तबाही से तमिलनाडु में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस तूफान से मरने वालों की संख्या 45 हो गई है, वहीं वन्यजीवों के आशियाने भी उजड़ गए हैं।
चेन्नई। चक्रवाती तूफान गाजा की तबाही से तमिलनाडु में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस तूफान से मरने वालों की संख्या 45 हो गई है, वहीं वन्यजीवों के आशियाने भी उजड़ गए हैं। नागापट्टनम जिले की प्वॉइंट कैलिमर वाइल्डवाइफ और बर्ड सेंचुरी एक वक्त पर कभी हजारों पक्षियों का घर हुआ करता था, लेकिन गाजा तूफान ने इसे पूरा उजाड़ कर रख दिया है। इस सेंचुरी में जंगल उखड़ गए हैं और कई पक्षियों की मौत हो गई है।
गाजा तूफान से तमिलनाडु की वाल्डलाइफ सेंचुरी को भी काफी नुकसान पहुंचा है। नागापट्टनम जिले में प्वॉइंट कैलिमर वाइल्डवाइफ और बर्ड सेंचुरी या तिरुवरार जिले में मुथुपेट में बर्ड सेंचुरी, गाजा तूफान की तबाही यहां साफ दिख रही है। द हिंदु की खबर के अनुसार नागापट्टनम जिले के वन संरक्षक सी रामासुब्रमण्यम ने कहा कि नुकसान काफी ज्यादा हुआ है और लगभग 90 प्रतिशत पक्षियों ने अभयारण्यों को छोड़ दिया है।
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रामासुब्रमण्यम ने बताया कि पक्षी स्थानीय रूप से माइग्रेट होते हैं और उम्मीद है कि वो वापस आ जाएंगे। 'पेड़ों ने अपना ताज खो दिया था। उन्हें ठीक होने में कम से कम छह महीने लगेंगे।' तिरुवरार जिले के जिला वन अधिकारी के अरिवोली ने बताया कि मुथुपेट में काफी ज्यादा तबाही हुई है और करीब 2,000 पक्षियों की मौत हो गई है। प्वॉइंट कैलिमर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में समुद्री पानी आने से 10 ब्लैकबक और एक हिरण की मौत भी हो गई है।
रामासुब्रमण्यम ने बताया कि गाजा तूफान से जानवरों के घर और बाकी इमारतें बर्बाद हो गई हैं, और करीब 2.4 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसकी पूरी रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है। प्वॉइंट कैलिमर के पूर्व स्थानीय काउंसलर एसएम बालासुब्रमण्यम ने इसपर दुख व्यक्त करते हुए बताया कि इस सेंचुरी को पूरी दुनिया में लोग जानते थे। अब न जाने कब ये वापस वैसा हो पाएगा और इसमें कितना वक्त लगेगा।
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