गुलाब नबी बोले - चिट्ठी लीक हो गई तो क्या हुआ, इंदिरा गांधी के समय कैबिनेट की कार्यवाहियां लीक हो जाती थीं
गुलाब नबी बोले- चिट्ठी लीक हो गई तो क्या हुआ, इंदिरा गांधी के समय कैबिनेट की कार्यवाहियां लीक हो जाती थीं
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर सियासी ड्रामा अभी जारी है। एक बाद फिर सोनिया गांधी को कांग्रेस पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष फिर से नियुक्त कर दिया गया है लेकिन कांग्रेस में पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग जोरों पर हैं। जिसको लेकर कांग्रेस कार्य समिति की बैठकों का दौर जारी है। पूरे कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का चुनाव कराने की मांग करने वाले कांग्रेस नेता जीएन आज़ाद ने एक और बयान जारी किया है।
"इसमें क्या बड़ी बात है कि चिट्ठी लीक हो गई?
गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि "इसमें क्या बड़ी बात है कि चिट्ठी लीक हो गई? पार्टी की मजबूती और चुनाव की मांग करना कोई गुप्त बात नहीं है। इंदिरा गांधी जी के समय, कैबिनेट की कार्रवाइयां तक लीक हो जाया करती थीं।" जो लोग सीडब्ल्यूसी के दौरान कॉमेंट्री कर रहे थे, क्या वो अनुशासनहीनता नहीं थी? जो लोग हमें गाली दे रहे हैं, क्या वो अनुशासनहीनता नहीं कर रहे? क्या उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए? गुलाम नबी आजाद ने कहा हमने तो किसी को गाली नहीं दी।
मंशा कांग्रेस को मजबूत करने की थी
सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी को लेकर आजाद ने कहा कि मंशा कांग्रेस को मजबूत करने की थी। मैं पिछले 34 साल से वर्किंग कमेटी में हूं। जिनको कुछ भी नहीं मालूम और अप्वाइंटमेंट वाला कार्ड मिल गया वो सब विरोध करते हैं, वो सब बाहर जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी कांग्रेसी जिसको कांग्रेस में जरा सी भी रुचि होती वो तो इस प्रपोजल्स का स्वागत करता।
राहुल जी और सोनिया जी एक माह में अध्यक्ष का चुनाव करवाना चाहते थे लेकिन
गुलाम नबी ने कहा कि उन्होंने ( राहुल गांधी) शुरू में उनके और पार्टी के अन्य नेताओं द्वारा लिखित पार्टी में सुधारों के लिए लिखे पत्र के साथ मुद्दों पर बात की थी। सोनिया जी और राहुल जी ने कहा कि एक महीने के भीतर चुनाव होने हैं, लेकिन अब कोरोना के कारण यह संभव नहीं है। इसलिए हमने सोनिया जी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष के बने रहने का अनुरोध किया।
आरोपों पर आजाद ने नाराजगी जाहिर की थी
गौरतलब है कि सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अहम बैठक के दौरान राहुल गांधी ने पार्टी के नेताओं द्वारा लिखी गई चिट्ठी पर नाराजगी जाहिर करते हुए आरोप लगाया था कि इसके पीछे भाजपा का हाथ है। राहुल गांधी के इन आरोपों पर आजाद ने नाराजगी जाहिर की थी। सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी ने भी गुलाम नबी आजाद से फोन पर बात भी की थी।
नबी ने सीडब्ल्यूसी का चुनाव कराने की मांग की थी
बता दें गुलाब नबी आजाद ने गुरुवार को इससे पहले पूरे कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का चुनाव कराने की मांग की थी और कहा था कि जिस किसी की भी कांग्रेस के आंतरिक कामकाज में वास्तविक रुचि है, वह राज्य और जिला अध्यक्ष के रूप में चुने जाने के हमारे प्रस्ताव का स्वागत करें। उन्होंने कहा कि पूरी सीडब्ल्यूसी का चुनाव होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि हमारा इरादा कांग्रेस को सक्रिय और मजबूत बनाना है। लेकिन जिन लोगों को केवल 'अपॉइंटमेंट कार्ड' मिले, वे हमारे प्रस्ताव का विरोध करते रहे। सीडब्ल्यूसी के सदस्य चुने जाने में क्या हर्ज है, जिनके पार्टी में स्थिर कार्यकाल होंगे।
23 दिग्गज नेताओं की ओर से चिट्ठी लिखी गई थी, जिस पर मचा था बवाल
मालूम हो कि सोनिया गांधी को कांग्रेस नेतृत्व के बदलाव को लेकर कांग्रेस के 23 दिग्गज नेताओं की ओर से चिट्ठी लिखी गई थी, जिसे लेकर कार्यसमिति की बैठक में काफी आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए थे। इसके बाद असंतुष्ट नेताओं को मनाने की कवायद जारी है। ऐसे में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक उनके द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को सुनने के लिए पूर्णकालिक पार्टी प्रमुख की नियुक्ति नहीं हो जाती, वह छह महीने तक इंतजार करने के लिए तैयार हैं।
नाराज गुलाम नबी आजाद को मनाने में जुटीं सोनिया गांधी, फोन कर दिलाया इस बात का भरोसा