नागरिकता बिल पर JDU में मचा घमासान, पीके ने फिर सीएम नीतीश पर साधा निशाना
नई दिल्ली। देश में नया नागरिकता कानून लागू होने के बाद कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। वही नीतीश कुमार के पार्टी के नेताओं के बीच इस कानून के समर्थन और विरोध पर घमासान मचा हुआ है। पार्टी के नेता प्रशांत किशोर लगातार पार्टी के स्टैंड के खिलाफ राय जाहिर कर रहे हैं। प्रशांत ने एक बार फिर इशारों में सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। प्रशांत ने ट्वीट कर गैर-बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से नागरिकता बिल पर अपना रुख साफ करने को कहा है।
नागरिकता संशोधन बिल और एनआरसी पर पार्टी के खिलाफ अपनी राय देते हुए उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, संसद में बहुमत साबित हो चुका है। न्यायपालिका से इतर देश की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी अब 16 गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों पर है। ये वे राज्य हैं, जिन्हें इन कानूनों को लागू करना है। नीतीश पर निशाना साधते हुए पीके ने लिखा, 'तीन मुख्यमंत्रियों (पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल) ने नागरिकता संशोधन बिल और एनआरसी का विरोध किया है। अब वक्त आ गया है कि बाकी मुख्यमंत्री इस पर अपना रुख साफ करें।
प्रशांत किशोर ने इससे पहले भी संसद के दोनों सदनों में विधेयक का समर्थन करने पर जेडीयू को आड़े हाथ लिया था। ट्वीट में प्रशांत ने कहा था, 'हमें बताया गया था कि नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) नागरिकता प्रदान करने के लिए है और यह किसी से नागरिकता छीनेगा नहीं। हालांकि सच यह है कि यह एनआरसी के साथ मिलकर धर्म के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव करने और यहां तक कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार के हाथों में एक घातक हथियार देगा।'
प्रशांक किशोर ट्वीट पर लगातार पार्टी की आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने पार्टी से इस पर पुनर्विचार करने की भी अपील की थी जब पार्टी ने इस बिल का लोकसभा में समर्थन किया था। इसी बीच जेडीयू के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह ने शुक्रवार को कहा कि जिन्हें पार्टी की लाइन पसंद नहीं है वह पार्टी छोड़कर जा सकते हैं। इस बयान के बाद से ऐसा माना जा रहा है कि कैब को लेकर पार्टी में आंतरिक कलह शुरू हो गया है।
The majority prevailed in Parliament. Now beyond judiciary, the task of saving the soul of India is on 16 Non-BJP CMs as it is the states who have to operationalise these acts.
3 CMs (Punjab/Kerala/WB) have said NO to #CAB and #NRC. Time for others to make their stand clear.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 13, 2019
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