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कौन थी इशरत जहां, क्या था एनकाउंटर मामला, पढ़ें पूरी कहानी

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नयी दिल्ली (ब्यूरो)। अमेरिका के जेल में बंद आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने आज जब मुंह खोला तो भारत की राजनीति में हड़कंप मच गया। उसने खुलासा किया कि अहमदाबाद में एनकाउंटर में मारी गई लड़की इशरत जहां लश्कर ए तैयबा की आत्मघाती हमलावार थी। हेडली ने कहा कि उसे इशरत के बारे में मुजम्म‍िल भट्ट ने बताया था।

बाल ठाकरे तो सोने की अंडा देने वाली मुर्गी हैं, उनको नहीं मारता: हेडली बाल ठाकरे तो सोने की अंडा देने वाली मुर्गी हैं, उनको नहीं मारता: हेडली

Ishrat Jahan
हेडली ने बताया कि, 'भट्ट ने मुझे कहा कि उसे जकीउर रहमान लखवी ने बताया था कि उनकी एक महिला लड़ाका भारत में एनकाउंटर में मारी गई है।' उल्लेखनीय है कि इस एनकाउंटर को विरोधी दलों ने फर्जी बताया था। हेडली के बयान के बाद भाजपा नेता शहनवाज हुसैन ने सवाल उठाया है कि क्या अब वो लोग देश की जनता से माफी मांगेंगे जो इशरत को 'बेटी' और शहीद का 'दर्जा' दे रहे थे। आईए इशरत जहां की पूरी कहानी विस्तार से जानते हैं।

कौन थी इशरत जहां

  • इशरत जहां मुंबई के मुंब्रा इलाके की रहने वाली थी।
  • कॉलेज में पढ़ रही 19 वर्षीय इशरत निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से थी।
  • 2002 में पिता की मृत्यु के बाद सात भाई-बहनों में दूसरे नंबर की इशरत घर में इकलौती कमाने वाली थी।

क्या था एनकाउंटर मामला

  • 15 जून 2004 को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने एक एनकाउंटर किया था।
  • इस एनकाउंटर में इशरत जहां और उसके चार साथियों की मौत हो गई थी।
  • गुजरात पुलिस का दावा था कि इशरत और उसके तीनों साथी गुजरात के तब के सीएम और अब पीएम नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने अहमदाबाद आए थे।
  • गुजरात हाईकोर्ट के ऑर्डर पर बनाई गई एसआईटी ने इस मुठभेड़ को फर्जी करार दिया था।
  • कोर्ट के ऑर्डर पर सीबीआई ने इस एनकाउंटर की जांच शुरू की।
  • कई सीनियर पुलिस ऑफिसर्स पर सवाल उठे।
  • CBI ने एक आरोपी को सरकारी गवाह भी बनाया।

एनकाउंटर में किसकी-किसकी हुई मौत

  • प्रणेश पिल्लै उर्फ जावेद शेख: नकली नोटों की तस्करी में शामिल था। इशरत का दोस्त था।
  • अमजद अली राणा: पाकिस्तानी नागरिक था। उसके बारे में कभी ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई।
  • जीशान जौहार: कहा जाता है कि पाकिस्तानी नागरिक था। अमजद और जीशान की लाशों पर किसी ने भी दावा नहीं किया था।

एनकाउंटर को लेकर मचा था बवाल

एनकाउंटर को विपक्षी पार्टियों ने राजनीतिक मुद्दा बना दिया और फर्जी बताया। जिसे लेकर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी के इस्तीफे की मांग भी हुई थी। इस मुठभेड के बाद लोगों ने यह कहा कि यह चारों लोग आतंकवादी नहीं थे। पुलिस ने इन्हें गोली मार दी और मरे हुए लोगों के हाथ में हथियार थमा दिए।

पुलिसवाले भी फंसे थे एनकाउंटर में

  • डीजी वंजारा: उनका नाम सोहराबुद्दीन-तुलसीराम एनकाउंटर के बाद इशरत जहां मामले में भी सामने आया था। कोर्ट की इजाजत के बाद सीबीआई ने 2013 में उन्हें साबरमति जेल से हिरासत में लिया था।
  • डीएसपी जेजी परमार: परमार सादिक जमाल एनकाउंटर में जेल में थे। उन्हें भी इस केस में आरोपी बनाया गया।
  • एसीपी एनके अमीन: अमीन एनकाउंटर करने वाली क्राइम ब्रांच की टीम को स्पॉट पर लीड कर रहे थे।
  • एडीजीपी पीपी पांडे: ये भी इसी मामले में गिरफ्तार हुए थे। सीबीआइ का दावा है कि पांडे ही इस एनकाउंटर के मास्टरमाइंड थे।
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English summary
Full story of Ishrat Jahan encounter case.
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