खबरदार जो अब खाना बर्बाद किया, मोदी सरकार बना रही है कड़े नियम
बंगलुरू। भोजन की बर्बादी के खिलाफ मोदी सरकार जल्द ही कड़े फैसले लेने जा रही है। शादी-विवाह समारोहों और होटल आदि में खाने की बर्बादी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार एक नई रेग्युलेटरी तैयार करवा रही है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़े दंड के प्रावधान किया जाएगा। FSSAI ने भोजन की बर्बादी को रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा और मानक (अधिशेष भोजन की प्राप्ति और वितरण) रेग्युलेटरी तैयार की है और इसके अमल में आते ही उन लोगों को भी भोजन मिल सकेगा, जो दो जून की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
दरअसल, खाद्य नियामक FSSAI द्वारा तैयार की गई रेग्युलेटरी के तहत विभिन्न प्रतिष्ठानों और कारोबारों में भोजन की बर्बादी रोकी जाएगी और प्रतिष्ठानों को भोजन दान करने को प्रोत्साहित करने की पहल की जाएगी। FASSI द्वारा जारी किए एक बयान के मुताबिक भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा भोजन उत्पादक देश हैं, बावजूद इसके वैश्चिक सूचकांक में भारत दुनिया के 119 सबसे ज्यादा भूख पीड़ित देशों की सूची में 103वें स्थान पर हैं।
FASSI ने बताया कि कुछ प्रोटोकॉल के चलते खाद्य कारोबारी जल्दी खराब होने वाले भोजनों को नष्ट कर देते हैं, लेकिन नए रेग्युलेटरी में ऐसे प्रोटोकॉल में राहत दी गई है, ताकि भोजन की बर्बादी को कम से कम किया जा सके और बचे हुए भोजन के वितरण के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। FSSAI अभी तक खाने की बर्बादी को रोकने के मुद्दे पर समाधान के लिए करीब 20 सरप्लस खाद्य वितरण एजेंसियों से पिछले दो महीनों में कई मीटिंग कर चुकी है।
इसके अलावा FASSI ने फूड रिकवरी इकोसिस्टम बनाने के लिए भोजन बचाओ, भोजन बांटो, खुशियां बांटो' नाम से एक अभियान की भी शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य लाभार्थियों और भोजन बनाने वाली कंपनियों, सरप्लस खाद्य वितरण एजेंसियों के बीच दूरी को पाटना है। FSSAI के मुताबिक सरप्लस खाद्य वितरण एजेंसियों के लिए भोजन लाइसेंस पोर्टल पर रजिस्टर्ड कराना अनिवार्य होगा।
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FSSAI ने खाने की बर्बादी के खिलाफ बनाई नई रेग्युलेटरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मन की बात श्रृंखला खाने की बर्बादी को लेकर चिंता जता चुक है। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने देशवासियों को भोजन की बर्बादी के प्रति आगाह किया था और खाने की बर्बादी की रोकथाम के लिए कदम उठाने की भी सलाह दी थी। शायद यही वजह है कि FSSAI ने खाने की बर्बादी के खिलाफ नई रेग्युलेटरी तैयार कराई है, जिस पर अमल के लिए संस्था कड़े प्रावधान भी बनाने जा रही है।
टाटा स्टारबक्स ने बचे हुए फूड दान करने का फैसला किया
भारतीय टाटा समूह की कॉफी चेन कंपनी टाटा स्टारबक्स ने वर्ष 2016 में खाने की बर्बादी के खिलाफ मुहिम में शामिल हुई और उसने उन खाद्य पदार्थों को भूखे और जरूरतमंदों को दान में देने का फैसला किया, जिनकी बिक्री नहीं होती थी। इनमें उनके शॉप में मौजूद सैलेड और सैंडविच जैसी खाद्य चीजें शामिल थी। इससे पहले कंपनी बची हुई खाद्य पदार्थों को फेंक दिया करती थी। कंपनी का यह निर्णय अमेरिका के फीडिंग अमेरिका नेशनल प्रोग्राम का हिस्सा था, जो होटलों के खाने योग्य खाद्य पदार्थों को जरूरतमंदों को वितरित कराने मदद करती है।
आईटी प्रोफेशनल राहुल खेरा की पहल से शुरू हुआ अभियान
हरियणा में सायबर सिटी के नाम से मशहूर गुरूग्राम के कुछ लोगों के पहल खाने की बर्बादी को रोकने के लिए एक कम्यूनिटी फ्रिज की स्थापना की गई है, जहां लोग अपने घर में बची हुई खाद्य सामग्री उक्त फ्रिज में सुरक्षित रख देते हैं, जिसे बाद में जरूरतमंदों को बांट दिया जाता है। इस पहल के पीछे अपना योगदान देने वाले आईटी प्रोफेशनल राहुल खेरा ने बताया कि इससे समाज में जरूरतमंदों को भोजन मिलने लगा और कचरा प्रबंधन में भी मदद मिली। इससे पहले लोग बचा हुआ खाना बाहर फेंक देते थे। इस पहल में लगभग 30 परिवार शामिल हैं।
खाना लोगों तक भेजने के लिए FSSAI ला रही है ऐप
बचे हुए खाने को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथिरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI)जल्द एक मोबाइल ऐप लॉन्च करने वाली है, जिसके जरिए कोई भी अपना बचा हुआ खाना जरूरतमंदों तक भेजनी की सुविधा होगी। इसके अलावा संस्था ने खाना बांटने वाली कंपनियों के लिए भी गाइडलाइन बना दी है, ताकि खाना इकट्ठा करने और बांटने तक खाने के सुरक्षा का ध्यान रखा जाए। इसके लिए एंजेसी में काम करने वाले स्टाफ की ट्रेनिंग अनिवार्य की गई है। इन कंपनियों को रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा। नियम के खिलाफ जाने पर इनके खिलाफ एक्शन भी होगा।
खाने की बर्बादी की रोकथाम के लिए शुरू हुई योजना
दुनियाभर में हर वर्ष जितना भोजन तैयार होता है उसका एक तिहाई यानी लगभग 1 अरब 30 करोड़ टन बर्बाद चला जाता है। बर्बाद जाने वाला भोजन इतना होता है कि उससे दो अरब लोगों की खाने की जरूरत पूरी हो सकती है। यही कारण है कि विश्वभर में होने वाली भोजन बर्बादी को रोकने के लिए विश्व खाद्य और कृषि संगठन, अन्तरर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष और विश्व खाद्य कार्यक्रम ने एकजुट होकर एक परियोजना शुरू की है।
शादियों में फेंका हुआ मिलता है 40 फीसदी से अधिक खाना
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बढ़ती सम्पन्नता के साथ ही लोग खाने के प्रति असंवेदनशील हो रहे हैं। खर्च करने की क्षमता के साथ ही खाना फेंकने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। इसकी बानगी शादी-विवाह स्थलों के पास रखे कूड़ाघरों पर देखा जा सकता है, जहां 40 प्रतिशत से अधिक खाना फेंका हुआ मिलता है। विश्व खाद्य संगठन की एक रिपोर्ट कहती है कि हर सातवां व्यक्ति भूखा सोता है। अगर इस बर्बादी को रोका जा सके तो कई लोगों का पेट भरा जा सकता है।