विनोद खन्ना से सनी देओल तक, ऐसे मिला गुरदासपुर को सेलेब्रिटी सीट का स्टेटस
नई दिल्ली- बॉलीवुड एक्टर सनी देओल के बीजेपी में शामिल होने के बाद ही यह भी तय लग रहा था कि पार्टी उन्हें पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा सकती है। क्योंकि, पार्टी को विनोद खन्ना जैसा एक बड़ा चेहरा चाहिए था, जो भाजपा को अपने गढ़ में फिर से कमल खिलाने का मौका दिला सके। उस सीट से विनोद खन्ना का नाम इस कदर जुड़ा हुआ है कि उनके साथ-साथ उस सीट को भी सेलेब्रिटी स्टेटस मिल चुका है। इसलिए, हाल के दिनों में जितने भी नाम गुरुदासपुर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर उभरे हैं, उसमें किसी न किसी अभिनेता या उसके परिवार के किसी सदस्य का नाम ही सामने आया था। लेकिन, आखिरकार पार्टी ने सनी देओल के नाम का ही कार्ड खेलने का फैसला किया है।
गुरदासपुर से विनोद खन्ना को मिली राजनीतिक पहचान
बॉलीवुड अभिनेता विनोद खन्ना ने 4 बार गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। वे पहली बार 1998 में भाजपा के टिकट पर यहां से जीते थे। तब उन्होंने कांग्रेस की दिग्गज सुखबंस कौर को हराया था, जो 1985 से लगातार वहां से जीत रही थीं। खन्ना 1999 और 2004 में भी इसी सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। लेकिन 2009 में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने एक टर्म के लिए उन्हें इस सीट से बेदखल कर दिया था। 2014 में उन्होंने फिर से इस सीट को वापस अपने कब्जे में कर लिया,लेकिन सांसद रहते ही उनका निधन हो गया। 2017 के उपचुनाव में बीजेपी ने नॉन-सेलेब्रिटी स्वर्ण सालरिया पर दांव लगाया लेकिन, वे असफल रहे। उन्हें कांग्रेस के सुनील जाखर ने भारी मतों से पराजित कर दिया। शायद पार्टी नेतृत्व के तभी से ये बात दिमाग में बैठ गई कि गुरदासपुर जीतना है, तो किसी न किसी बॉलीवुड स्टार या बड़ी सेलेब्रिटी को उतारना जरूरी है।
कविता,अक्षय खन्ना से लेकर अक्षय कुमार तक के नाम की चर्चा
गुरदासपुर में आखिरी चरण यानी 19 मई को वोटिंग होनी है। अभी तक चर्चा इस बात को लेकर चल रही थी कि यहां नॉन-सेलेब्रिटी उम्मीदवार को उतारने का बीजेपी का प्रयोग असफल हो चुका था। इसलिए कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी विनोद खन्ना की पत्नी कविता खन्ना को वहां से अपना उम्मीदवार बना सकती है। खबरों के मुताबिक इसके लिए कविता खुद भी कोशिश कर रही थीं और उनके लिए योग गुरु स्वामी रामदेव और आर्ट ऑफ लिविंग के फाउंडर श्री श्री रविशंकर भी लॉबिंग कर रहे थे। जानकारी ये भी आई कि गुरदासपुर में विनोद खन्ना के समर्थक भी उनकी पत्नी को टिकट दिए जाने की मांग कर रहे हैं। कयासों के इस दौर में विनोद खन्ना के एक्टर बेटे अक्षय खन्ना का नाम भी उछाला गया। इन कयासों में तब एक और नया मोड़ आ गया, जब बॉलीवुड के एक और अक्षय यानी अक्षय कुमार के एक ट्वीट ने खूब सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दीं। उस ट्वीट में खिलाड़ी कुमार ने सिर्फ इतना लिखा था कि 'वे एक अज्ञात क्षेत्र में जा रहे हैं और कुछ ऐसा करना चाहते हैं, जो पहले कभी नहीं किया, इसलिए वे उत्साहित होने के साथ-साथ नर्वस भी हैं।' फिर क्या था? कयास लगने शुरू हो गए कि वे चुनाव लड़ने जा रहे हैं। यह भी कहा जाने लगा कि वो बीजेपी के टिकट पर गुरदासपुर से चुनाव लड़ेंगे। सोशल मीडिया से शुरू हुई यह अटकलबाजी मीडिया में भी चलने लगी। जब तक उन्होंने इस कयासों का खंडन नहीं किया, तब तक इसपर खूब चर्चा हुई।
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राजनीति में कदम रखने वाले तीसरे देओल
सनी देओल अभिनेता धर्मेंद्र के परिवार के तीसरे सदस्य हैं, जिन्होंने राजनीति का दामन थामा है। इनसे पहले इनके पिता धर्मेंद्र राजस्थान के बीकानेर से भाजपा सांसद रह चुके हैं और धर्मेंद्र की पत्नी हेमा मालिनी मथुरा की मौजूदा बीजेपी सांसद भी हैं और इसबार भी वो उसी सीट से अपना राजनीतिक भाग्य आजमा रही हैं। हालांकि, धर्मेंद्र को राजनीति रास नहीं आई, लेकिन अभी मथुरा में उन्होंने पत्नी के लिए फिल्म शोले की तरह 'बसंती और बीरू' के अंदाज में वोटरों को लुभाने भी कोशिश की थी। यहां एक तथ्य शामिल करना जरूरी है कि सनी देओल का आखिरी फिल्म 'मोहल्ला अस्सी' है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में वहीं की थीम पर फिल्माई गई है। इस फिल्म में सनी अपने कार सेवक के किरदार में अयोध्या में राम मंदिर में कार सेवा करते हुए भी फिल्माए जा चुके हैं।
गुरदासपुर में सनी देओल कराएंगे बीजेपी की वापसी?
पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से बीजेपी के खाते में अमृतसर, गुरदासपुर और होशियारपुर की सीटें हैं। इनमें से सनी देओल के अमित शाह से मुलाकात वाले दिन के बाद से अमृतसर सीट से उनके चुनाव लड़ने को लेकर कयासों का दौर शुरू हुआ था। लेकिन, वहां से पार्टी ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी को उतार दिया है। ऐसे में सनी के लिए गुरदासपुर से टिकट मिलने की संभावना ही बच गई थी। 62 वर्षीय देओल बॉलीवुड में अपनी कुछ चुनिंदा एक्शन फिल्मों के लिए बहुत ही चर्चित रहे हैं। इसमें घायल, गदर:एक प्रेम कथा, दामिनी और बॉर्डर जैसी उनकी फिल्म काफी मशहूर हैं। गुरदासपुर सीट पाकिस्तान से सटे बॉर्डर इलाके में है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वो अपने 'ढाई किलो का हाथ' जैसे डायलॉग और पाकिस्तान में अकेले घुसकर पूरी पाकिस्तानी सेना को धूल चटाने वाली अपनी छवि से वोटरों को कितना लुभा पाते हैं?