Valentine's Day 2021: मिलिए इन सेलिब्रिटी वैलेंटाइन से, जिन्होंने इश्क को ही माना सबसे बड़ा मजहब
नई दिल्ली। आखिरकार वो दिन आ ही गया जिसका इंतजार हर प्रेम करने वाले को होता है, जी हां, हम बात कर रहे हैं 'वैलेंटाइन डे' की, आज सभी प्यार करने वाले एक-दूसरे के प्रेम में रंगे हुए हैं, प्रेम दिवस के दिन आज हम बात करते हैं देश के उन नेताओं की, जिन्होंने अपने प्यार को पाने के लिए धर्म-जाति को दरकिनार कर दिया या यूं कहें कि इन लोगों के इश्क में वो ताकत थी, जिसने हर धर्म की दीवार को तोड़ दिया।
शाहनवाज हुसैन और रेनू हुसैन
भाजपा के दिग्गज नेताओं में शामिल शाहनवाज हुसैन की पत्नी रेनू हिंदू हैं, दोनों की प्रेम कहानी साल 1986 में तब शुरू हुई जब शाहनवाज ग्रेजुएशन थर्डईयर में थे और रेनू उन्हीं के कॉलेज में हायर सेकेंडरी की पढ़ाई कर रही थी। बस में साथ आते-जाते वो दोनों कब एक-दूसरे के करीब आ गए किसी को पता ही नहीं चला, हालांकि प्यार का एहसास शाहनवाज हुसैन को पहले हुआ और वो रेनू से अपने दिल की बात बताने के लिए बहाने खोजने लगे, आखिरकार रेनू के जन्मदिन पर शाहनवाज हुसैन ने अपने दिल का हाल बयां कर दिया लेकिन रेनू ने हां नहीं की लेकिन शाहनवाज हुसैन ने हार नहीं मानी।
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9 साल बाद मिली प्यार को मंजिल
बस में साथ-बैठकर आने -जाने का सिलसिला अब रेनू के घर पर खत्म होने लगा, रेनू के घर में शाहनवाज हुसैन आने-जाने लगे और धीरे-धीरे रेनू को भी समझ आ गया कि वो भी शाहनवाज हुसैन को पसंद करने लगी हैं, आखिरकार दोनों ने एक-दूसरे से आईलवयू बोल ही दिया लेकिन ये सफर इतना आसान नहीं था क्योंकि बीच में धर्म की दीवार थी लेकिन दोनों ने शादी करने का फैसला किया लेकिन एक-दूसरे से वादा किया कि दोनों परिवारवालों की रजामंदी से ही शादी करेंगे और दोनों के अपने परिवार को मनाने में पूरे 9 साल लग गए और आखिरकार दोनों की फैमिली ने दोनों के प्यार के आगे घुटने टेक दिए और साल 1994 में दोनों ने शादी कर ली और आज दोनों की प्यार की बगिया में दो बेटे अरबाज और आदिल हैं।
मुख्तार अब्बास नकवी और सीमा नकवी
बीजेपी लीडर मुख्तार अब्बास नकवी और उनकी वाइफ सीमा की लव स्टोरी कॉलेज के दिनों में शुरू हुई थी, दोनों की रीयल लवस्टोरी भी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है, मुख्तार अब्बास नकवी मुस्लिम परिवार से हैं तो सीमा हिंदू, इसलिए दोनों का मिलना भी आसान नहीं था लेकिन इश्क तो हर रीत और मजहब से बड़ा है और दोनों के प्यार के आगे धर्म की दीवार भी आड़े नहीं आई, नकवी और सीमा की पहली मुलाकात इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में साल 1982 में हुई थी।
तीन तरह से की है नकवी और सीमा की शादी
नकवी की साफगोई और उनका बोलना सीमा को प्रभावित कर गया तो वहीं नकवी को सीमा की खूबसूरती और सादगी ने घायल कर दिया, दोनों एक्स्ट्रा क्लास के बहाने रोज विवि में मिलने लगे और देखते ही देखते दोनों ने एक-दूसरे से दिल की बात कह दी लेकिन दोनों की शादी आसान नहीं थी लेकिन पहले तो घरवाले मान नहीं रहे थे लेकिन नकवी और सीमा ने भी ठानी थी कि शादी करेंगे तो परिवार की मर्जी से, लंबे जदोजहद के बाद दोनों के परिवार वाले आखिर मान ही गए, 1983 में 3 जून के दिन दोनों शादी के पवित्र बंधन में बंध गए। इस कपल ने तीन तरीके से शादी की रस्में पूरी की, सबसे पहले कोर्ट में शादी रजिस्टर कराई। फिर निकाह किया और इसके बाद सात फेरे लिए, इस लव कपल का आज अरशद नाम से एक बेटा है।
पहली नजर में नाजनीन सफा को दिल दे बैठे थे मनीष तिवारी
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने भी धर्म की सीमाओं को तोड़कर शादी की है, मनीष तिवारी ने नाजनीन सफा से साल 1996 में शादी की ,नाजनीन सफा पारसी धर्म से आती हैं, साल 1989 में जब मनीष NSUI के प्रेसीडेंट थे तब नाजनीन मुंबई में वीमेन विंग की प्रेसीडेंट थी। इसके बाद नाजनीन ने मुंबई यूनिवर्सिटी से इकॉनोमिक्स में मास्टर किया और बाद में एयर इंडिया के साथ काम करने लगीं। इन्ही दिनों मनीष लॉ की पढ़ाई कर रहे थे इसी दौरान दोनों की कई मुलाकातें मुंबई और दिल्ली में हुई, मनीष को पहली ही नजर में नाजनीन भा गई थीं, धीरे-धीरे इनकी मुलाकात दोस्ती में बदली, फिर इश्क में और फिर शादी में बदल गई, इस लव कपल को एक बेटी है इनेका तिवारी।
एक-दूजे के प्यार में गिरफ्तार नुसरत जहां और निखिल जैन
अभिनेत्री से सांसद बनी नुसरत जहां ने कोलकाता के बिजनेसमैन निखिल जैन से शादी रचाई है, दोनों ही अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखते हैं, नसुरत एक मुस्लिम परिवार से हैं जबकि कोलकाता के बिजनेसमैन निखिल, जैन परिवार से हैं, दोनों काम के सिलसिले में पहली बार मिले थे, उसके बाद दोनों दोस्त बने और फिर दोनों में प्यार हुआ और आज दोनों पति-पत्नी हैं। अक्सर टीएमएसी सासंद को धर्म के नाम पर ट्रोल किया जाता है लेकिन नुसरत को इन सारी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है, दोनों आज अपनी दुनिया में प्यार के साथ मगन हैं।
सचिन-सारा ने बताया इश्क के आगे मजहब नहीं
राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी धर्म की दीवार को तोड़ते हुए कश्मीरी मुस्लिम बाला सारा पायलट से शादी की है, किसी फिल्मी कहानी की तरह दोनों के प्यार के रास्ते में धर्म, जाति और राजनीति की रूकावटें थीं जिन्हें पार करना आसान नहीं था।बेहद ही संस्कारी परिवार कहे जाने वाले पायलट खानदान को एक मुस्लिम बहू नागवार थी तो वहीं कश्मीर की खूबसूरती के कायल और सियासत का बड़ा नाम फारुख अब्दुल्ला को बर्दाश्त नहीं हो रहा था कि उनके नूरे-नजर सारा का हमसफर एक हिंदू हो।लेकिन दोनों को खुद से ज्यादा अपने प्यार पर भरोसा था, सचिन और सारा की मुलाकात विदेश में पढ़ाई के दौरान हुई थी, दोनों अच्छे दोस्त बन गये थे। कश्मीरी बाला सारा की खूबसूरती के कायल तो सचिन पहले ही हो चुके थे लेकिन उनसे वो प्यार करने लगे है इस बात का एहसास उन्हें तब हुआ जब वो विदेश से पढ़ाई करके हिंदुस्तान आ गये और सारा विदेश में ही रह गईं।
प्यार के आगे झुक गया परिवार
कहा जाता है कि इन दूरियों ने सारा-सचिन को पास कर दिया और सचिन ने सारा को फोन पर ही प्रपोज कर दिया। सारा के दिल में भी ना जाने सचिन कब से घर कर गये थे उन्हें तो बस एक आवाज की जरूरत थी और उन्होंने भी सचिन को अपना हमसफर चुन लिया, लेकिन दोनों के बीच में मजहबी तलवार लटक रही थी लेकिन सचिन की जिद के आगे उनका परिवार झुक गया और सारा को बहू स्वीकार लिया लेकिनसारा की फैमिली ने इस बात को कबूल नहीं किया।फिलहाल सारा और सचिन की शादी साल 2004 में हुई बिना फारूख और उमर की मर्जी के।लेकिन जब सचिन ने राजनीति में कदम रखा और वो दौसा से रिकार्ड वोट जीतकर मनमोहन सरकार में मंत्री बने तो फारूख ने उन्हें दिल से अपना लिया और खुल कर उन्हें अपना आशीष, प्यार और दुलार दे बैठे।आज सचिन-सारा दुनिया के सामने मिसाल है दोनों के प्यार के आंगन में दो फूल यानी दो बेटे आरन और विहान खिलखिला रहे हैं।
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