16 जनवरी से अब तक कोरोनावायरस टीकाकरण के बीच किन-किन परेशानियों से हुआ सामना, जानें
देशभर में 16 जनवरी से कोरोनावायरस टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई। एक तरफ जहां टीकाकरण अभियान बिना किसी रुकावट के चल रहा है वहीं, कुछ इलाकों में टीकाकरण करने वाले लोगों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ा। आईए जानते हैं विस्त
नई दिल्ली। देशभर में 16 जनवरी से कोरोनावायरस टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई। एक तरफ जहां टीकाकरण अभियान बिना किसी रुकावट के चल रहा है वहीं, कुछ इलाकों में टीकाकरण करने वाले लोगों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ा। आईए जानते हैं विस्तार से....
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शनिवार
और
सोमवार
शाम
5
बजे
के
बीच,
7,704
सत्रों
में
381,305
लोगों
को
खुराक
दी
गई।
.
रविवार
को
देश
में
कहीं
कोई
टीकाकरण
नहीं
हुआ।
.
शनिवार
को
हुए
4,319
लोगों
के
टीकाकरण
के
इतर
सोमवार
को
दिल्ली
में
3,593
लोगों
का
ही
टीकाकरण
हो
सका।
.
दिल्ली
के
अखिल
भारतीय
आयुर्विज्ञान
संस्थान
में
सोमवार
को
केवल
आठ
लोगों
को
टीका
लगाया
गया
था।
.
अधिकारियों
ने
कहा
कि
टीकाकरण
के
साइड-इफेक्ट्स
की
चर्चाओं
के
बीच
टीके
की
सुरक्षा
को
लेकर
चिंताएं
हैं।
.
कुछ
डॉक्टरों
ने
कहा
कि
वे
आशंकित
थे
और
उन्होंने
हैदराबाद
स्थित
भारत
बायोटेक
द्वारा
बनाए
गए
टीके
कोवाक्सिन
को
प्राथमिकता
नहीं
दी,
जिसका
अभी
तक
पूरी
तरह
से
3
चरणों
का
परीक्षण
नहीं
किया
गया
है,
और
निर्माता
यह
नहीं
जानते
कि
यह
कोविड
-19
को
रोकने
में
कितना
प्रभावी
है।
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.
कोवैक्सीन
के
प्राप्तकर्ताओं
को
सहमति
पत्र
पर
हस्ताक्षर
करने
होते
हैं
जो
आम
तौर
पर
नैदानिक
परीक्षणों
में
भाग
लेने
वाले
लोगों
को
दिया
जाता
है।
.
3
जनवरी
के
नियामकों
के
फैसले
के
अनुसार,
भारत
बायोटेक
वैक्सीन
को
"नैदानिक
परीक्षण
मार्ग"
के
तहत
अनुमोदित
किया
गया
है।
.
अन्य
वैक्सीन
कोविशील्ड
जिसे
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका
ने
विकसित
किया
है
और
सीरम
इंस्टीट्यूट
ऑफ
इंडिया
द्वारा
निर्मित
किया
गया
है,
ने
साबित
किया
है
कि
यह
मानव
परीक्षणों
में
प्रभावकारी
है।
.उत्तर
प्रदेश
सरकार
ने
शनिवार
को
केवल
40
लोगों
का
टीकाकरण
करने
के
लिए
कानपुर
के
एक
सरकारी
अस्पताल
को
नोटिस
जारी
किया।
राज्य
में
केवल
दो
ही
दिन
(गुरुवार-शुक्रवार)
को
टीकाकरण
किया
जा
रहा
है।
.
सोमावार
तक
टीकाकरण
के
बाद
प्रतिकूल
प्रभाव
वाले
580
मामले
सामने
आए,
जिनमें
इंजेक्शन
की
जगह
पर
दर्द,
मतली
और
हल्के
बुखार
के
लक्षण
मिले
हैं।
.580
में
से
7
को
हॉस्पिटल
में
भर्ती
कराने
की
जरूरत
पड़ी,
जिनमें
से
4
अभी
भी
भर्ती
हैं।
.
विशेषज्ञों
ने
कहा
है
कि
प्रतिकूल
प्रभावों
का
यह
आंकड़ा
बहुत
ही
कम
है
इसमें
चिंता
की
बात
नहीं
है।
नुकसान
के
बजाए
टीकाकरण
के
लाभ
के
मामले
अधिक
हैं।
.
टीकाकरण
के
दौरान
को-विन
मोबाइल
एप्लीकेशन
में
भी
कुछ
कमियां
पाई
गई।
.
यह
पोर्टल
रुक-रुक
कर
चल
रहा
था,
जिससे
टीकाकरण
के
काम
में
देरी
हो
रही
थी।
.
कुछ
लाभार्थियों
ने
शिकायत
की
कि
उन्हें
अपने
टीकाकरण
के
बारे
में
कोई
सूचना
नहीं
मिली
है।
.
कभी
कभी
पोर्टल
से
लाभार्थियों
के
नाम
गायब
हो
रहे
थे।
.
महाराष्ट्र
सरकार
ने
पोर्टल
की
गड़बड़ी
के
कारण
हो
रही
देरी
की
वजह
से
शनिवार
को
वैक्सीनेशन
अभियान
को
रद्द
कर
दिया
था।