यूएनएससी में स्थायी सीट के लिए भारत को फिर मिला फ्रांस का समर्थन
नई दिल्ली। फ्रांस ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सदस्यता के लिए भारत का समर्थन किया है। भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने बुधवार को कहा, हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की मांग का पुरजोर तरीके से समर्थन करते हैं। फ्रांस कई बार भारत को स्थायी सदस्यता की वकालचत कर चुका है। भारत लंबे समय से ब्राजील, जर्मनी और जापान के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग के साथ ही इस बात पर जोर देता रहा है कि वह परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हकदार है।
इसी साल जून में रूस ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए वह भारत का समर्थन किया है। रूस का कहना है कि भारत सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य बनने के लिए एक मजबूत दावेदार है।
इस साल जून में भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनावों में निर्विरोध अस्थाई सदस्य चुना गया है। भारत 2021-22 के लिए इस सर्वोच्च संस्था का अस्थायी सदस्य है। यह 8 वीं बार है जब भारत यूएनएससी के अस्थाई सदस्य लिए चुना गया है। भारत 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 और 2011-2012 में सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में चुना जा चुका है। भारत यूएनएसी का अस्थायी सदस्य आठ बार बन चुका है लेकिन स्थायी सदस्य नहीं बन सका है।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र संघ के छह प्रमुख हिस्सों में से यूएनएससी एक है। इसका मुख्य कार्य विश्वभर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। संयुक्त राष्ट्र संघ में नए सदस्यों को जोड़ना और इसके चार्टर में बदलाव से जुड़ा काम भी सुरक्षा परिषद के काम का हिस्सा है। इसके साथ-साथ दुनिया के किसी हिस्से में मिलिट्री एक्शन की जरूरत होती है तो सुरक्षा परिषद रेजोल्यूशन के जरिए उसे लागू भी करता है।