EU संसद में CAA के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर बोला फ्रांस-यह भारत का आंतरिक मामला
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ यूरोपियन संसद में प्रस्ताव लाया गया है। वहीं फ्रांस ने इसे भारत का आंतरिक मामला बताया है। फ्रांसीसी राजनयिक सूत्रों ने कहा कि, यूरोपीय संघ (ईयू) के संस्थापक सदस्य देशों में शामिल फ्रांस का मानना है कि नया नागरिकता कानून (सीएए) भारत का एक आतंरिक राजनीतिक विषय है और यह कई मौकों पर कहा गया है। हालांकि फ्रांस ने यह भी साफ किया है कि यूरोपीय संसद सदस्य देशों और यूरोपीय आयोग की एक स्वतंत्र संस्था है।
बता दें कि, यूरोपीय संघ की 751 सदस्यीय संसद में तकरीबन 600 सांसदों द्वारा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ छह प्रस्ताव पेश किए गए हैं। इन प्रस्तावों में कहा गया है कि इस कानून का लागू होना भारत की नागरिकता व्यवस्था में एक खतरनाक बदलाव को प्रदर्शित करता है। हालांकि, यूरोपीय संसद में सीएए के खिलाफ प्रस्तावों पर विदेश मंत्रालय से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सीएए भारत का पूरी तरह से एक आंतरिक विषय है और इस कानून को संसद के दोनों सदनों में चर्चा के बाद लोकतांत्रिक तरीके से अंगीकार किया गया है। यूरोपियन यूनियन संसद में प्रस्तावों के भारत के विरोधी होने को विस्तार से बताते हुए कहा, हर समाज जो कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक नागरिकता प्रदान करने के मार्ग का अनुसरण करता है वह संदर्भ और अर्हता, दोनों पर विचार करता है। यह भेदभाव नहीं है।
French diplomatic sources: For France, a founding member of European Union, the #CitizenshipAmendmentAct is India’s internal political matter. We have stated this on several occasions. European Parliament is an institution independent of Member States and the European Commission. pic.twitter.com/qMxZNkVN1q
— ANI (@ANI) January 27, 2020
बता दें कि, संसद द्वारा पिछले महीने पारित नया कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के चलते भारत आए गैर मुस्लिमों के लिए नागरिकता का प्रावधान करता है। इस कानून के पास होने के बाद से देशभर में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। इस प्रदर्शनों ने अभी तक कई लोगों की जान जा चुकी है।
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