राफेल डील पर बोले ओलांद, रिलायंस को पार्टनर चुनने को लेकर दसॉल्ट ही कुछ बता सकती है
नई दिल्ली। राफेल डील पर सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि फ्रांस में भी सियासी भूचाल आ हुआ है। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के राफेल डील से जुड़े बयान को लेकर हुए विवाद में अब नया मोड़ आ गया है। न्यूज एजेंसी AFP का कहना है कि जब फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद से पूछा गया कि क्या रिलायंस और दसॉल्ट एविएशन को साथ काम करने को लेकर भारत की तरफ से कोई दबाव था तो ओलांद ने कहा कि उनके पास इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। एएफपी की मानें तो ओलांद ने कहा कि सिर्फ दसॉल्ट एविएशन ही इस बारे में कोई टिप्पणी कर सकती है।
ओलांद ये बयान कनाडा के एक कार्यक्रम में दिया जब उनसे फ्रेंच समाचार एजेंसी ने इस संबंध में सवाल पूछा। ओलांद ने कहा कि रिलायंस को चुनने में फ्रांस की कोई भूमिका नहीं है। आपको बता दें कि भारत में इस मामले पर राजनीति लगातार गरम होती जा रही है। विपक्षी पार्टियों ने पीएम मोदी पर देश की जनता को धोखा देने का आरोप लगाया था। बता दें कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा था कि राफेल सौदे के लिए भारत सरकार ने अनिल अंबानी की रिलायंस का नाम प्रस्तावित किया था और दसॉल्ट एविएशन कंपनी के पास दूसरा विकल्प नहीं था।
FLASH: From Agency AFP, when asked whether India had put pressure on Reliance and Dassault to work together, Ex France President Hollande said he was unaware and "only Dassault can comment on this". pic.twitter.com/YEb8eaD7Gw
— ANI (@ANI) September 22, 2018
ओलांद ने कहा, 'भारत की सरकार ने जिस सर्विस ग्रुप का नाम दिया, उससे दैसॉ ने बातचीत की। दैसॉ ने अनिल अंबानी से संपर्क किया। हमारे पास कोई विकल्प नहीं था। हमें जो वार्ताकार दिया गया, हमने स्वीकार किया।' ओलांद की यह बात सरकार के दावे को खारिज करती है जिसमें कहा गया था कि दैसॉ और रिलायंस के बीच समझौता एक कमर्शल पैक्ट था जो कि दो प्राइवेट फर्म के बीच हुआ। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं थी।