केरल: एक दिन पैदा हुईं चार बहनें एक साथ-एक मंडप में करेंगी शादी
नई दिल्ली। केरल के तिरुवनंतपुरम में 1995 में एक दंपत्ति के यहां एक साथ पांच बच्चे पैदा हुए थे। जिनमें चार लड़कियां और एक लड़का था। उनके जन्म के बाद इसकी चर्चा राज्यभर में हुई थी। 24 साल बाद एक बार फिर से ये बच्चे मीडिया की सुर्खियों में हैं। दरअसल इस बार इन पांच बच्चों में चार एक साथ, एक समय और एक स्थान पर शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। चारों गुरुवायूर के श्रीकृष्ण मंदिर में 26 अप्रैल 2022 को फेरे लेंगी।
पिता ने घर का नाम 'पंच रत्नम' रखा
चार बहनें उथराजा, उथारा, उथम्मा, उथरा और उनका भाई उथराजन का जन्म 18 नवंबर 1995 को हुआ था। जिस दिन इनका जन्म हुआ उसी दिन पिता ने घर का नाम 'पंच रत्नम' रखा। जब चारों बच्चों का जन्म हुआ तब उनकी मां रीमादेवी ने इच्छा जताई थी कि सभी चार बहनों की शादी एक साथ होनी चाहिए। रीमादेवी ने कहा कि, भगवान की कृपा और हमारे प्रियजनों के सहयोग के कारण मैं अपनी बेटियों की एक साथ शादी कर पा रही हूं।
पिता की सुसाइड के बाद मां बनी सहारा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनके पिता ने जन्म के बाद 9 साल तक पांचों बच्चों को जरूरत की एक जैसी चीजें दिलाईं। इनमें स्कूली बैग से लेकर छाता और ड्रेस भी शामिल थीं। बच्चों के जन्म के 9 साल बाद 2004 में मां को हार्ट संबंधी बीमारी हुई। आर्थिक परेशानियों के चलते पिता ने सुसाइड कर ली। इस वजह से परिवार परेशानियों में आ गया। घर के मुखिया की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी मां पर आ गई। कुछ लोगों की मदद से तिरुवनंतपुरम की सहकारी बैंक में चतुर्थ वर्ग की सरकारी नौकरी मिल गई।
रीमादेवी पेसमेकर के सहारे जीवित हैं
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चार लड़कियों में से एक फैशन डिजाइनर, दो एनेस्थेसिया टेक्नीशियन और एक ऑनलाइन लेखक है, वहीं भाई सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। अभी तक सभी बच्चों को एक जैसा लालन-पालन मिला है। बेटियों की शादी की तैयारियां हो रही हैं। बेटे को अभी और आगे बढ़ना है, इसलिए वह थोड़ा इंतजार करेगा। बहन उथारा ने कहा, हम अब अपने भाई को याद करेंगे। बता दें कि, रीमादेवी पेसमेकर के सहारे जीवित हैं।
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