सरवणा भवन के मालिक ने मर्डर केस में किया सरेंडर, ऑक्सीजन मास्क में पहुंचा कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरवणा भवन के मालिक पी राजगोपाल की याचिका को ठुकराए जाने के बाद मंगलवार शाम उन्होंने सरेंडर कर दिया। पी. राजगोपाल ने मंगलवार को चेन्नई की एक अदालत में समर्पण कर दिया, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। राजगोपाल ऑक्सीजन मास्क लगाकर एंबुलेस से समर्पण करने पहुंचा था।
बता दें कि, राजगोपाल ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए न्यायालय से और समय मांगा था, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने मंगलवार को सरेंडर किया। उनके साथ इसी मामले में दोषी जनार्धन भी एम्बुलेंस से अदालत पहुंचे। दोनों दोषियों के वकीलों की ओर से समर्पण संबंधी अर्जी मिलने के बाद कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया। राजगोपाल ने सर्वोच्च न्यायालय में समर्पण करने के लिए समय देने की अर्जी लगाई थी। जिसे शीर्ष न्यायालय ने मानने से इंकार कर दिया।
वहीं शीर्ष अदालत ने राजगोपाल के वकील को फटकार लगाई कि अगर वह इतने बीमार थे, तो उन्होंने सुनवाई के दौरान अपनी बीमारी का जिक्र क्यों नहीं किया? अदालत ने उन्हें कोई राहत नहीं दी। 71 वर्षीय राजगोपाल ने यह भी मांग की कि उन्हें जेल भेजे जाने से छूट दी जाए और उनके अस्पताल में भर्ती होने को जेल की सजा समझा जाए, उसे भी कोर्ट ने मानने से इंकार कर दिया।
राजगोपाल अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में एक ऑक्सीजन मास्क के साथ एक एम्बुलेंस में आया और व्हीलचेयर में न्यायाधीश के सामने पेश हुआ था। बता दें कि, लोकप्रिय रेस्तरां श्रंखला सरवणा भवन के संस्थापक राजगोपाल को एक सत्र अदालत ने संतकुमार की हत्या के आरोप में 10 साल जेल की सजा सुनाई थी। दरअसल संतकुमार की पत्नी से वह शादी करके उसे अपनी तीसरी पत्नी बनाना चाहता था। जब महिला ने प्रस्ताव ठुकरा दिया, तो उसने उसके पति को मरवा दिया।
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