महाराष्ट्र में फार्मूला नंबर 44 भी फेल, 50-50 फार्मूले पर आगे नहीं बढ़ेगी शिवसेना!
बंगलुरू। महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद में जुटी शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की कोशिश एक बार फिर फेल होती नज़र आ रही है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने एनसीपी और कांग्रेस के सहयोग से महाराष्ट्र में संभावित सरकार की कवायद को एक बार पलीता लगाते हुए कहा है कि संभावित एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना गठबंधन सरकार में पांच वर्ष तक मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश के बाद पिछले 11 नवंबर से एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एक फार्मूला तैयार कर रहीं थीं। फार्मूला बनकर तैयार भी हुआ और शिवसेना और एनसीपी की मुहर भी लग गई, लेकिन कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुहर बाकी थी। गुरूवार को सोनिया गांधी ने फार्मूला नंबर 44 के इस्तेमाल की इजाजत भी दे दी।
ऐसी संभावना जताई गई कि महाराष्ट्र में अब तीनों दल मिलकर सरकार गठन का दावा राज्यपाल को सौंप सकती है, क्योंकि यह मान लिया गया कि तीनों दल एक फार्मूले पर सरकार गठन को तैयार हैं, लेकिन शिवसेना प्रवक्ता ने शुक्रवार सुबह एक ट्वीट करके पूरे फार्मूले पर पलीता लगा दिया। यह मान लिया गया कि दवाब में आकर शिवसेना 50-50 फार्मूले यानी ढाई-ढाई वर्ष के रोटेशनल सीएम पर तैयार हो गई है।
रही सही कसर शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने पूरी कर दी। सूत्रों के मुताबिक उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र मुख्यमंत्री बनने से इनकार कर दिया है। उद्धव ठाकरे के सीएम पद ठुकराने के लिए बाद गठबंधन सरकार पर बड़ा पेंच फंस गया है, क्योंकि एनसीपी और कांग्रेस शिवसेना से उद्धव ठाकरे के सीएम उम्मीदवार मानकर आगे बढ़ रहीं थी।
माना जाता है कि एनसीपी और कांग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन सरकार के लिए 50-50 फार्मूले पर ही तैयार हुईं है, जिसके बाद फार्मूला नंबर 44 का इस्तेमाल करते हुए सोनिया गांधी ने गठबंधन सरकार को हरी झंडी दिखाई थी, लेकिन शिवसेना एक बार फिर पाला बदलने से महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद पर एक बार पानी फिरना तय माना जा रहा है।
गौरतलब है महाराष्ट्र में राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना की गठबंधन सरकार बनाने की तैयारी लगभग अंतिम चरण में है, लेकिन तैयारियों के बीच, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री नहीं बनने की इच्छा जताई है, यह दर्शाता है कि शिवसेना प्रस्तावित गठबंधन सरकार के लिए 50-50 फार्मूले की शर्तों से खुश नहीं है, इसलिए उसने अब पूर्णकालिक सीएम के पद के लिए दबाव का खेल शुरू कर दिया है।
क्योंकि शिवसेना चीफ अच्छी तरह से जानते हैं कि एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन सरकार में उनके एमएलए पुत्र आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने के लिए कभी तैयार नहीं होंगे और यह तीनों दलों द्वारा तैयार फार्मूले की शर्तों में भी नहीं है, इसलिए संभावित गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस और एनसीपी पर दवाब बनाने के लिए शिवसेना ने यह बयान जारी किया है।
शिवसेना को गठबंधन सरकार में 50-50 फार्मूले के आधार पर शामिल होना बिल्कुल गंवारा नहीं है। बीजेपी से 30 वर्ष पुराना गठबंधन तोड़कर परस्पर विरोधी दल के साथ गठबंधन सरकार में शिवसेना सिर्फ एक ही शर्त पर शामिल हो सकती है, और वह है संभावित गठबंधन सरकार में अगले पांच वर्ष तक निर्बाध रूप से शिवसेना का मुख्यमंत्री होना चाहिए।
स्पष्ट है कि शिवसेना ने एक बार फिर महाराष्ट्र में सरकार गठन की कोशिशों को पलीता लगाने की कोशिश की है और यह भी स्पष्ट है कि एनसीपी और कांग्रेस संभावित गठबंधन सरकार में इसी शर्त पर शामिल होगी जब शिवसेना 50-50 फार्मूले पर तैयार होगी।
न नौ मन तेल होगा और न राधा नाचेगी वाली कहावत यहां चरित्रार्थ होती इसलिए दिख रही है, क्योंकि शिवसेना का अह्म 50-50 फार्मूले पर सेटिसफाई नहीं हो रहा है। यूं ही नहीं, शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने सुबह-सुबह ट्वीट करके कहा है कि शिवसेना का 5 वर्ष का मुख्यमंत्री होगा और शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे द्वारा महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री नहीं बनने की ख्वाहिश दर्ज की गई है।
शिवसेना के यू टर्न के बाद अभी तक एनसीपी और कांग्रेस की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन यह तय है कि कांग्रेस और एनसीपी दोनों दल शिवसेना के दवाबों के आगे नहीं झुकेंगी। 50-50 फार्मूले पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस सोनिया गांधी एक बार पुनः विचार कर सकती हैं।
लेकिन 26 वर्षीय आदित्य ठाकरे को गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने के लिए कतई तैयार नहीं होंगी, क्योंकि सूत्र बताते हैं कि संभावित गठबंधन सरकार में 50-50 फार्मूले पर तैयार हुई शिवसेना पहले टर्म में ही महाराष्ट्र की सत्ता में बैठेगी।
शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे अच्छी तरह से जानते हैं कि संभावित गठबंधन सरकार में शिवसेना को पूर्णकालिक मुख्यमंत्री तभी मिल सकता है जब वह फार्मूले से इतर जाकर 50-50 फार्मूले से कन्नी काटेगी और दवाब में आकर कांग्रेस और एनसीपी इसके लिए तैयार हो सकते है। एक कुशल रणनीतिकार उद्धव ने मुख्यमंत्री नहीं बनने की ख्वाहिश वाली की खबर इसलिए फैलाई है।
क्योंकि उद्धव जानते हैं कि एनसीपी और कांग्रेस संभावित गठबंधन सरकार के लिए उनके पुत्र आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार बनाने के लिए कभी नहीं मानेंगे। अब चूंकि बॉल कांग्रेस और एनसीपी के कोर्ट में हैं और बहुत आगे तक बढ़ आए दोनों दल दवाब में शिवसेना को पूर्णकालिक मुख्यमंत्री पद दे भी सकती है।
एनसीपी और कांग्रेस किसी भी सूरत में आदित्य ठाकरे को संभावित गठबंधन सरकार का मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार नहीं होंगे। भले ही 50-50 फार्मूले के बिना ही महाराष्ट्र सरकार में ही शामिल क्यों न होना पड़ जाए। पहली बार विधायक चुने गए 26 वर्षीय आदित्य ठाकरे की राजनीतिक अनुभवहीनता दोनों दल डर रहे हैं।
क्योंकि आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में अगर महाराष्ट्र में कोई बड़ी गलती हो गई तो महाराष्ट्र में दोनों दलों को जवाब देना होगा, जो उनका पीछा महाराष्ट्र में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में भी नहीं छोड़ेंगे। ज्यादा संभावना है कि शिवसेना की यह चाल कामयाब हो सकती है और दवाब रंग लाया तो संभावित गठबंधन सरकार में शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे पांच वर्ष तक मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं।
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