मोदी सरकार पर बरसे चिदंबरम, कहा- नोटबंदी, जीएसटी से सबकुछ चौपट हो गया
नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय पी चिदंबरम ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर हमला बोला है। पी चिदंबरम ने कहा है कि देश कि आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। उन्होंने सीधे तौर पर इसके लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि गलत नीतियों के कारण देश को नुकसान हो रहा है।
पी चिदंबरम ने कहा कि विकास दर में 1.5 फीसदी कमी आई है। जीएसटी के कारण कारोबारियों को बड़ा नुकसान हुआ है। मुद्रास्फीति बढ़ रही है। रेपो दर में वृद्धि इसका सबसे बड़ा सबूत है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडू सरकार ने माना है कि 50,000 एसएमई इकाइयां बंद हो गई हैं। मई 2018 का आरबीआई का कन्ज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे बताता है कि 48 प्रतिशत लोग मानते हैं कि देश की आर्थिक स्थिति बदतर हुई है।
पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि किसानों को लागत पर 50 फीसदी मुनाफा एक जुमला था। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कृत्रिम रूप से तय कीमतों को लेकर व्यापक आक्रोश है। मई-जून 2014 में जो कीमतें थीं, उसके मुकाबले आज कीमतें अधिक होने की कोई वजह नहीं है।
पी चिदंबरम ने कहा कि बेरोजगारी चरम पर है। श्रम ब्यूरो का तिमाही सर्वेक्षण ही एकमात्र विश्वसनीय आंकड़ा होता है। उन्होंने सरकार से पूछा कि अक्टूबर-दिसंबर 2017 के श्रम ब्यूरो सर्वेक्षण को जारी क्यों नहीं किया गया?
सरकार को सलाह देते हुए चिदंबरम ने कहा कि यदि पेट्रोल को जीएसटी के तहत लाया जाए तो कीमतें काफी कम होंगी। केंद्र और 19 राज्यों में भाजपा की सरकार होने के बावजूद वे कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
पी चिदंबरम ने कहा कि देश भर के विश्वविद्यालयों में काफी खलबली मची हुई है, क्योंकि युवाओं को पता है कि उनके स्नातक होने के बाद कोई नौकरियां नहीं होंगी। अब तक, किसी ने भी उस 'नये विचार' को नहीं अपनाया है कि 'पकौड़ा तलना' भी एक नौकरी है।