शाह बानो केस: पीएम मोदी ने संसद के स्पीच में जिसका किया जिक्र, वो आए सामने और दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान अपने भाषण में शाह बानो केस का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस के तत्कालीन केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान के इंटरव्यू का जिक्र किया जिसमें खान ने कहा था कि 'राजीव गांधी के कार्यकाल में पार्टी नेतृत्व की राय थी कि मुसलमानों के उत्थान की जिम्मेदारी कांग्रेस की नहीं है।' पीएम मोदी ने यहां तक कहा कि अगर कांग्रेस चाहे तो मैं उन्हें यूट्यूब लिंक उपलब्ध करा सकता हूं।
अब आरिफ एम खान ने बयान दिया है। आरिफ एम खान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 6-7 साल पहले एक टीवी इंटरव्यू के दौरान (शाहबानो मामले के संबंध में) मुझसे पूछा गया था कि क्या मेरे इस्तीफे को वापस लेने के लिए मुझ पर कोई दबाव बनाया गया था। मैंने इस्तीफा देने के बाद उन्हें बताया, मैं अपने घर से चला गया। उन्हेंने आगे बताया कि मैंने आगे कहा कि संसद में अगली सुबह, मैं अरुण सिंह से मिला, जिन्होंने मुझे बार-बार कहा कि मैं नैतिक रूप से सही हूं, लेकिन इससे पार्टी को बहुत असुविधा होगी। नरसिम्हा राव ने मुझसे कहा तुम बहूत ज़िद्दी हो। शाह बानो ने भी अपना स्टैंड बदल लिया है।
Former Union Min,Arif M Khan:I further said, next morning at Parliament, I met Arun Singh who repeatedly told me I was correct morally but this would cause a lot of inconvenience to the Party. Mr Narishma Rao told me"tum bahut ziddi ho. Shah Bano ne bhi apna stand badal liya hai" pic.twitter.com/6TFdIgSvhn
— ANI (@ANI) June 25, 2019
पीएम ने मेरे इंटरव्यू का हवाला दिया है, यह संदेश देने के लिए कि मैं कब तक किसी भी वर्ग के लोगों के बारे में, किसी समुदाय विशेष के बारे में बात नहीं कर रहा हूं, खुद को पावर-वैल्डर्स द्वारा धोखा देने की अनुमति देगा। यह एक स्पष्ट संदेश है। उल्लेखनीय कि पीएम मोदी ने तीन तलाक केस पर कांग्रेस से समर्थन की मांग करते हुए कहा, '50 के दशक में कांग्रेस के पास यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने का विकल्प था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उनके पास शाह बानों केस में भी अवसर था। यह लैंगिक समानता का क्लासिक केस था लेकिन उन्होंने इस अवसर को गंवा दिया। लेकिन कांग्रेस के पास 35 साल बाद फिर (तीन तलाक बिल) अवसर है।'