जस्टिस काटजू ने भारतीय सेना को बताया 'फेक आर्मी', रिटायर्ड जनरल ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू अक्सर अपने बयान की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। इस बार वह भारतीय सेना पर की गई टिप्पणी की वजह से विवादों में हैं। जस्टिस काटजू ने ट्वीट करके कहा कि सैन्य ताकत आर्थिक ताकत से आती है। जबतक भारत में बड़े स्तर पर औद्योगीकरण नहीं होता तबतक भारतीय सेना फेक यानि फर्जी सेना ही रहेगी, जो सिर्फ पाकिस्तान जैसी फर्जी सेना से ही लड़ सकती है। वह यूएसए और चीन जैसे देश से नहीं लड़ सकती है। ऐसे में किसी भी सुधार का कोई महत्व नहीं है।
सेना को फर्जी कहने पर जनरल हसनैन का जवाब
जस्टिस काटजू के इस ट्वीट पर भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल( रिटायर्ड) सैयद अता हसनैन ने जवाब देते हुए लिखा कि आप अपने शब्दों का चयन सही तरह से क्यों नहीं करते हैं। एक ऐसी भारतीय संस्था जो परिणाम देती है, उसके लिए फेक शब्द का इस्तेमाल। मेरे साथ एलओसी पर चलिए, आपको वहां पर फर्जी लोग नहीं मिलेंगे, वहां पूरी लगन के साथ जवान लड़ रहे हैं, उन संसाधनों के साथ जो देश वहन कर सकते हैं। ये जज्बा और जुनून ही सेना को बनाता है। जिसके जवाब में मार्कंडेय काटजू ने एक बार फिर से तल्ख भाषा का इस्तेमाल करते हुए जवाब दिया।
काटजू का जवाब- आप किस युग में जी रहे हैं जनरल
जस्टिस काटजू ने जवाब में लिखा जुनून, जज्बा, आप किस युग में जी रहे हैं जनरल। लोग भाला-तलवार, धनुष-बांण से अब नहीं लड़ते हैं। वो मशीन से लड़ते हैं। कुछ एफ-15 अमेरिकी जेट आपके तमाम टैंक, आर्टिलरी को बर्बाद कर सकते हैं और जमीन को समतल बना सकते है। वो आपके करीब भी नहीं आएंगे। बहुत दूर से वो मिसाइल गिराएंगे। जिसपर पलटवार करते हुए जनरल हसनैन ने कहा कि जबरदस्त शिक्षा आप लोगों को दे रहे हैं और खुद को बेवकूफ बना रहे हैं। जागिए, कॉफी पीजिए, काटजू साहब।
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जनरल हसनैन ने की अपील
यही नहीं जनरल हसनैन ने एक और ट्वीट करके लिखा देश को एकजुट रखने के लिए, अब इसपर मैं आगे कोई जवाब नहीं दूंगा। हमे अपनी ऊर्जा कोविड-19 से लड़ने में लगानी है नाकि व्यर्थ की बहस में। मेरी तमाम देशवासियों से अपील है कि आप भी देशहित में मदद करिए और ऐसा ही करिए और लोगों में सकारात्मकता लाइए। बता दें कि इससे पहले जस्टिस काटजू ने ट्वीट करके लिखा था कि अगर भगवान है तो आखिर वह कोरोना को खत्म क्यों नहीं कर देता है, जिसकी वजह से उनकी काफी आलोचना हुई थी।
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