महाराष्ट्र के सियासी बवाल पर पूर्व PM मनमोहन ने दिया बड़ा बयान, मोदी सरकार पर लगाया ये आरोप
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर मचे बवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में कल यानी 27 नवंबर की शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराया जाए। कोर्ट के इस फैसले पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भी बयान आया है। मीडिया से बात करते हुए पूर्व पीएम ने कहा कि अगर प्रदेश में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सरकार बना सकती है तो उन्हें ऐसा जरूर करना चाहिए।
शिवसेना-NCP-कांग्रेस को दिया सुझाव
गौरतलब है कि, प्रदेश में सीएम फडणवीस और डेप्युटी सीएम अजित पवार के शपथग्रहण के बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। तीनों पार्टियों की याचिका पर न्यायालय ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि 27 नवंबर की शाम पांच बजे तक प्रदेश में फ्लोर टेस्ट कराया जाए। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि फ्लोर टेस्ट से पहले प्रोटेम स्पीकर का चुनाव हो और प्रोटेम स्पीकर की निगरानी में फ्लोर टेस्ट कराया जाए।
मोदी सरकार पर बोला हमला
याचिका पर सुनवाई के बाद पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि अगर एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस महाराष्ट्र में सरकार बनाने में सक्षम होंगे तो मुझे आशा है कि वो सरकार बनाएंगे। हम सभी सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं, और हमें न्यायालय के फैसले का भी सम्मान करना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने विपक्ष के संसद के संयुक्त सत्र का बहिष्कार पर भी बड़ा बयान दिया है। मनमोहन ने कहा कि, यह संविधान का उल्लंघन नहीं है बल्कि यह सभी को याद दिलाता है कि वर्तमान सरकार द्वारा संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है।
बालासाहेब थोराट चुने गए कांग्रेस विधायक दल के नेता
महाराष्ट्र में सियासी उलटफेर के बीच कांग्रेस ने अपने विधायक दल के नेता का ऐलान कर दिया है, 8 बार विधायक चुने जाने वाले और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट को विधायक दल का नेता चुना गया है। बता दें कि कांग्रेस ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में भी राज्यपाल से उनके नाम कि सिफारिश की है। लेकिन ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद बालासाहेब थोराट प्रोटेम स्पीकर नहीं बन पाएंगे।
राज्यपाल से नहीं हुई नेताओं की मुलाकात
बीते सोमवार तीनों पार्टियों ने सरकार बवाने का दावा पेश किया है, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने राजभवन जाकर विधायकों के समर्थन की चि्ट्ठी सौंपी थी। जब वह राजभवन पहुंचे तो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी वहां मौजूद नहीं थे। तीनों दलों के नेताओं ने कहा कि उनके पास कुल 154 विधायकों का समर्थन है। एनसीपी ने भी दावा किया है कि 54 में से 53 विधायकों का समर्थन उनके पास है और ऐसे में भाजपा का सरकार बनाना अलोकतांत्रिक है। एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि अजित पवार ने भाजपा के साथ जाकर गलती है और उन्हें डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा देकर वापस अपनी पार्टी में आना चाहिए।
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